( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव में हार मानने से इंकार क़ानूनी लड़ाई का रुख किया है। हलाकि ज्यादातर जगह उनके धांधली से जुड़े आरोपों कोर्ट में औंधे मुंह ही गिर रहे है। क्योकि रविवार को पेंसेवेनिया की अदालत ने भी उनका केस ख़ारिज कर दिया और जार्जिया में भी टीम ट्रम्प को दूसरी बार रिकाउंटिंग की अपील करनी पड़ी है। उधर रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ये कहकर सबको चौंका दिया है कि फिलहाल प्रेजिडेंट इलेक्ट जो बाइडन को आधिकारिक बधाई देने का सही समय नहीं आया है, रूस फिलहाल उन्हें राष्ट्रपति नहीं मानता है। पुतिन ने कहा कि हम किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ काम करने के लिए तैयार हैं, लेकिन फिलहाल जो बाइडन की इलेक्शन में जीत के दावे को मानने के लिए कुछ और इंतज़ार करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका की जनता ने जिसे भी लीडर पर भरोसा जताया हो हम उसके साथ काम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। रशियन स्टेट टीवी से बातचीत में पुतिन ने कहा- किसी भी कैंडिडेट कि जीत को निश्चित तभी माना जा सकता है जब विपक्षी पार्टी ने उसकी जीत स्वीकार कर ली हो, या फिर उसकी जीत के नतीजे वैध और कानूनी तरीके से घोषित किये गए हों।
रूस पर लगे हैं आरोप
बता दें कि पुतिन उन कुछ वर्ल्ड लीडर्स में शामिल हैं जिन्होंने अभी तक बाइडन की जीत को वैध मानने और उन्हें बधाई देने से दूरी बनाई हुई है। रूस पर साल 2016 के अमेरिकी चुनावों में भी हस्तक्षेप और हैकिंग के जरिए ट्रंप को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे थे। रूस को डर है कि बाइडन के सत्ता में आने के बाद अमेरिकी सरकार रूस को लेकर सख्त रवैया अपना सकती है। बता दें कि ट्रंप एक ओर तो चुनाव परिणामों को पलटने के अपने प्रयासों को तेज करने का संकल्प ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा दी गई कानूनी चुनौतियों को देशभर के न्यायाधीश लगातार खारिज कर रहे हैं। ट्रंप का अभियान चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के अपने आरोपों के समर्थन में कुछ सबूत पेश नहीं कर सका है ऐसे में अदालतों में ये मुकदमे ठहर नहीं पा रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव में धोखाधड़ी जैसा कुछ नहीं हुआ है तथा ट्रंप नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को जनवरी में पदभार संभालने से रोकने में कामयाब नहीं होंगे। इस हफ्ते एक दिन के भीतर ट्रंप और उनके रिपब्लिकन सहयेागी तीन राज्यों में चुनाव परिणामों के प्रमाण-पत्र को रोकने की खातिर दर्ज करवाए गए मुकदमों में या तो हार गए या फिर वे मुकदमे खारिज कर दिए गए। एरिजोना में न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को रिपब्लिकन सदस्यों की ओर से चुनाव परिणामों के प्रमाण-पत्र को स्थगित करने की मांग करने वाले मुकदमे को खारिज कर दिया। इसी दिन जॉर्जिया के एक न्यायाधीश ने भी इसी तरह की मांग को लेकर दायर अनुरोध खारिज कर दिया। वहीं, मिशिगन में ट्रंप के अभियान ने अपना मुकदमा बृहस्पतिवार को वापस ले लिया। उधर पेनसेल्वेनिया की अदालत ने भी ट्रंप का मुकदमा खारिज कर दिया है।
ट्रंप के मुकदमे अदालतों में औंधे मुंह गिर रहे
बता दें कि ट्रंप एक ओर तो चुनाव परिणामों को पलटने के अपने प्रयासों को तेज करने का संकल्प ले रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा दी गई कानूनी चुनौतियों को देशभर के न्यायाधीश लगातार खारिज कर रहे हैं । ट्रंप का अभियान चुनाव में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के अपने आरोपों के समर्थन में कुछ सबूत पेश नहीं कर सका है ऐसे में अदालतों में ये मुकदमे ठहर नहीं पा रहे । विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव में धोखाधड़ी जैसा कुछ नहीं हुआ है तथा ट्रंप नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को जनवरी में पदभार संभालने से रोकने में कामयाब नहीं होंगे ।
इस हफ्ते एक दिन के भीतर ट्रंप और उनके रिपब्लिकन सहयेागी तीन राज्यों में चुनाव परिणामों के प्रमाण-पत्र को रोकने की खातिर दर्ज करवाए गए मुकदमों में या तो हार गए या फिर वे मुकदमे खारिज कर दिए गए । एरिजोना में न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को रिपब्लिकन सदस्यों की ओर से चुनाव परिणामों के प्रमाण-पत्र को स्थगित करने की मांग करने वाले मुकदमे को खारिज कर दिया । इसी दिन जॉर्जिया के एक न्यायाधीश ने भी इसी तरह की मांग को लेकर दायर अनुरोध खारिज कर दिया. वहीं, मिशिगन में ट्रंप के अभियान ने अपना मुकदमा बृहस्पतिवार को वापस ले लिया । उधर पेनसेल्वेनिया की अदालत ने भी ट्रंप का मुकदमा खारिज कर दिया है।