“वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश की आठ एसो. ने वार्ता कर शासन से मांग की”
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। कोरोना महामारी के चलते जहाँ पूरे देश की इंडस्ट्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो वही हरिद्वार की आठ एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर एक दूसरे से विचार साझा किये और इस दौरान उत्तराखंड सरकार से इंडस्ट्रीज की मदद कर राहत देने की मांग भी की। हालांकि उत्तराखंड राज्य में कुछ कंपनियों को नियम शर्तो के साथ चलाने के आदेश तो मिल गये है लेकिन सिडकुल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है इंडस्ट्री बड़े बुरे दौर से गुजर रही है और शासन की तरफ से कुछ गाइडलाइन के साथ कम्पनी को चलाने के आदेश तो मिल तो गये है लेकिन वो काफी नही है। कोविड 19 के कारण अभी सामान्य स्थिति होने में अभी काफी समय लगेगा और सरकार को इंडस्ट्रीज को बचाने के लिये बड़े कदम उठाने पड़ेंगे।
इस दौरान सिडकुल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राज अरोड़ा के कहना है की पिछले एक महीने से हम लगातार शासन से मदद की गुहार लगा रहे है लेकिन हमारी समस्या की और कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
इसलिये सभी एसोसिएशन एक साथ मिलकर एक प्लेटफॉर्म में आई है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वार्ता कर हमने स्पष्ट तौर पर अपनी बात उत्तराखंड सरकार के सामने रखी है। अगर हमारी मांगे नही मानी गई तो हमे मजबूरन इंडस्ट्री में ताले लगाने पड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि सभी इन्डस्ट्रीज ने मार्च की वर्कर्स की सेलरी दे पर अप्रैल की सेलरी दे पाने में असमर्थ है क्योकि किसी भी इडस्ट्रीज के पास फण्ड नहीं है।
वही हरिद्वार इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विनीत धीमान का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते पहले से ही इंडस्ट्रीज को तोड़ कर रख दिया है व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ा है कंपनियों को चलाने के लिये लेबर की समस्या से बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है। जबकि उत्तराखंड पैकेजिंग के मालिक सुयश वालिया का कहना है उत्तराखंड प्रदेश को ऊर्जा प्रदेश भी कहा जाता है जब प्रदेश और दूसरे राज्यो को बिजली उप्लब्ध करवाता है तो राज्य सरकार को इंडस्ट्रीज को मदद के तौर पर विधुतीकरण में छूट देनी चाहिये जो कि अब तक नही दी गई है। इसलिये वो सरकार से मांग करते है इस पर भी उन्हें राहत दी जाये। तो वही उधोगपति संदीप सिंगला का कहना है इंडस्ट्री इस दौरान बहुत बुरे समय से गुजर रही है एक तो कर्मचारियो को सेलरी देने में बहुत दिक्कते आ रही है जब उत्पादन ही ठप है तो सेलरी कैसे और कहा से दे। इस पर सरकार को कोई रास्ता निकालना होगा बैंको द्वारा भी हमे इंट्रेस्ट में राहत दी जानी चाहिये जो कि अभी तक नही दी गई है। उस विडिओ कॉन्फ्रेंसिंग में सभी ने एक जुट होकर विधुत के मामले में छूट देने की मांग करते हुए कहा की जो अन्य राज्यों की सरकारों ने अपने इंडस्ट्रीज को छूट दी है ,जोकि अभी तक उत्तराखण्ड सरकार ने नहीं दिया है। कमोवेश वह छूट तो सरकार को देनी ही चाहिए।