नवरात्रि में विजय और सदबुद्धि की देवी माँ बगलामुखी की साधना विशेष फलदायी-यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज
सभी साधु,संत,धर्मगुरु और ब्राह्मण अपनी साधना और साधनों का एक भाग सनातन धर्म की रक्षा के लिये समर्पित करें, तभी सनातन धर्म और हमारा अस्तित्व बचेगा।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
गाजियाबाद। शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा 17 अक्टूबर 2020 को प्रातः शिवशक्ति धाम डासना में सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म को मानने वालो की संतान की रक्षा और सनातन
धर्म के शत्रुओं के समूल नाश की कामना से माँ बगलामुखी का महायज्ञ आरम्भ किया।महायज्ञ प्रारम्भ करते समय आशीर्वचन प्रदान करते हुए अखिल भारतीय सन्त परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानन्द सरस्वती महाराज ने कहा की आज सनातन धर्म का अस्तित्व खतरे में दिखाई देता है। ऐसे में सनातन धर्म के सभी धर्मगुरुओं को सभी हिन्दुओ को विजय और सद्बुद्धि की देवी माँ बगलामुखी और महादेव की साधना करनी चाहिये। सदबुद्धि प्राप्त होने से ही हिन्दू अपने अस्तित्व के लिये संघर्ष कर सकेगा और सनातन धर्म, अपने परिवार और अपने अस्तित्व की रक्षा में सक्षम बन सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सम्पूर्ण विश्व में सनातन धर्म से बढ़कर कुछ भी नहीं है। अर्थ है सम्पूर्ण मानवता और अच्छाई का विनाश हो जाना । जब भी कोई मानव धर्म की रक्षा के लिये माँ बगलामुखी की शरण मे गया है तो माँ ने धर्म की रक्षा की है। आज हम भी धर्म की रक्षा के लिये माँ बगलामुखी की शरण में हैं और मुझे पूर्ण विश्वास है की माँ हमारे धर्म, हमारी संतान और परिवार की अवश्य ही धर्म की रक्षा करेंगी।
उन्होंने दुनिया के सभी सनातन धर्मी सन्तो,साधुओं और धर्मगुरुओं से अपनी साधना और साधनों का एक भाग सनातन धर्म की रक्षा के लिये समर्पित करने का आह्वान किया।
यज्ञ पुरोहित पण्डित सनोज शास्त्री ने विद्वान ब्राह्मणों तथा यति सत्यदेवानंद सरस्वती,यति सेवानंद सरस्वती के साथ यज्ञ का शुभारंभ किया।
आज महायज्ञ में राजेश पहलवान,अनिल यादव,अक्षय त्यागी,संजय त्यागी, मुकेश त्यागी, बृजमोहन सिंह,रेणु त्यागी,सतेंद्र चौहान,शशि चौहान तथा अन्य भक्तगण उपस्थित रहे।