( सुनील तनेज़ा )
नई दिल्ली। श्रीलंका का भारतीय महाकाव्य रामायण के साथ एक समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रीलंका दस सिरों वाले राक्षस राजा रावण का राज्य था, जिसने त्रेतायुग के महानायक भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण किया था।
रिपोर्टों के अनुसार, श्रीलंका में भी रामायण सर्किट बनने जा रहा है। यह वो स्थान है जहां रघुवर श्रीराम के चरण पड़े थे। पर्यटकों के लिए सीता सर्किट भी आकर्षण का केंद्र होगा। खास बात यह है कि भारतीय पर्यटकों के लेन-देन के लिए भारतीय करेंसी की अनुमति देने की भी बात की जा रही है।पौराणिक मान्यता है कि भगवान राम ने हनुमान और वानर सेना की मदद से सीता को बचाने और रावण को हराने के लिए एक महान युद्ध लड़ा था। श्रीलंका में आज भी श्रीराम से जुड़े कई रोचक इतिहास हैं। रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका रामायण सर्किट को फिर से बनाने की प्रक्रिया में है और इसमें एक अलग सीता सर्किट भी शामिल है। इतना ही नहीं, श्रीलंकाई द्वीप पर लेन-देन के लिए भारतीय रुपये (INR) की अनुमति देने की संभावना पर भी चर्चा की जा रही है।