Dehradun Pauri Gardhwal Slider States swine flu Uttarakhand

बड़ी खबर : उत्तराखण्ड में स्वाइन फ़्लू को लेकर अलर्ट जारी ,राज्य के दो जिलों में 115 सुअरों की हुई मौत। आखिर क्या है सावधानियां ? Tap कर जाने

Spread the love

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / पौड़ी। उत्तराखण्ड में पालतू सुअरों में स्वाइन फ्लू के केस मिलने से पशुपालन विभाग ने राज्य में अलर्ट जारी किया है। पशुपालन निदेशक डॉ. प्रेम कुमार ने पशु चिकित्सा अधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, साथ ही कहा कि बुखार से प्रभावित सूअर किसी दूसरे पशु के संपर्क में न आए। जिला प्रशासन से संबंधित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन बनाने का अनुरोध किया जा रहा है। इससे फीवर प्रभावित पशु को एक ही क्षेत्र में रखा जा सकेगा।
पशुपालन निदेशक ने बताया कि पौड़ी में 35 और देहरादून में 80 सूअरों की मौत के बाद सैंपल जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली भेजे गए थे। जांच में सूअरों की मौत का कारण स्वाइन फ़्लू  पाया गया। इसे अफ्रीकन स्वाइन फीवर भी कहा जाता है। देहरादून में भी ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं।
मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं
डॉ. प्रेम ने बताया, स्वाइन फीवर बीमारी से केवल सूअर प्रभावित होते हैं। मनुष्य के लिए यह हानिकारक नहीं है। इससे चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हां, यह जरूर है कि बीमारी से प्रभावित सूअर से एक निश्चित दूरी रखनी चाहिए।
इंसानों के लिए नुकसानदायक नहीं
पशुपालन निदेशक डॉ. प्रेम कुमार ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि स्वाइन फीवर बीमारी के केस सामने आने के बाद विभागीय अधिकारी उन क्षेत्रों पर नजर रख रखे हुए हैं। यह बिलकुल साफ है कि यह बीमारी केवल सूअरों में ही होती है और मनुष्य के लिए यह नुकसानदायक नहीं है। लेकिन, जहां तक हो सके बीमार पशु को दूसरे स्वस्थ पशुओं से अलग कर देना चाहिए। इसके साथ कोशिश करनी चाहिए कि बीमार पशु का मांस नहीं खाया जाए।
दूसरी ओर, दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एचओडी मेडिसिन डॉ. नारायणजीत सिंह ने बताया कि, आमतौर पर पशुओं की बीमारियों का असर मनुष्य पर नहीं होता। उन्होंने बताया कि पशु जरूर परस्पर संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए पशु के संक्रमित होते ही उसे तुरंत आइसोलेट कर देना चाहिए। बकौल डॉ. सिंह, यदि बीमार पशुओं का मांस खाते हैं तो थोड़ा परहेज करें।
लक्षण दिखें तो तुरंत करें संपर्क
नगर निगम के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीसी तिवारी के अनुसार, इस बीमारी में सूअरों में तेज बुखार, नांक-मुंह में सूजन, उल्टी-दस्त, दिमाग की नस फटने जैसे लक्षण दिखते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि ऐसे लक्षण दिखें तो पशु चिकित्सालय में संपर्क करें। इसका इलाज नहीं है, इसमें बीमार सूअर को मार दिया जाता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी सूअर की मौत होती है तो उसे खुले में ना फेंककर दफना दिया जाए।
क्या है स्वाइन फीवर
स्वाइन फीवर की खोज 1921 में अफ्रीकी देश केन्या में हुई थी। यह घरेलू और जंगली सूअरों में बेहद संक्रामक रोग है। इससे सूअरों की कुछ घंटे में मौत हो जाती है। सूअर को तेज बुखार, लड़खड़ाकर चलना और सफेद सूअर के शरीर पर चकते होना, खाना-पीना छोड़ देना आदि इस बीमारी के लक्षण हैं। इस बीमारी में मृत्यु दर शत-प्रतिशत है।
बरतें एहतियात
संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशु से दूर रखें। ऐसे पशु का मांस खाने से परहेज रखें। यदि मांस खा ही रहे हैं तो अच्छे से पका-उबाल कर ही खाएं। बीमार पशु के आवास में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए।

पढ़े Hindi News ऑनलाइन और देखें News 1 Hindustan TV  (Youtube पर ). जानिए देश – विदेश ,अपने राज्य ,बॉलीबुड ,खेल जगत ,बिजनेस से जुडी खबरे News 1 Hindustan . com पर। आप हमें Facebook ,Twitter ,Instagram पर आप फॉलो कर सकते है। 
सुरक्षित रहें , स्वस्थ रहें
Stay Safe , Stay Healthy
COVID मानदंडों का पालन करें जैसे मास्क पहनना, हाथ की स्वच्छता बनाए रखना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना आदि।
news1 hindustan
अब आपका अपना लोकप्रिय चैनल Youtube सहित इन प्लेट फार्म जैसे * jio TV * jio Fibre * Daily hunt * Rock tv * Vi Tv * E- Baba Tv * Shemaroo Tv * Jaguar Ott * Rock Play * Fast way * GTPL केबल नेटवर्क *Top Ten खबरों के साथ देखते रहे News 1 Hindustan* MIB ( Ministry of information & Broadcasting, Government of India) Membership
http://news1hindustan.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *