* Bhel ने 21दुकानों, रूफ रेस्टोरेंट कैफे दो ए टी एम और टावर के निकाले टेंडर।
* कई अन्य योजनाओं को सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा।
* जिन दुकानों के टेंडर होने है उनकी हालत जर्जर।
( ज्ञान प्रकाश पाण्डेय)
हरिद्वार। B.H.E.L हरिद्वार अब अपनी जमीनी संपदा को कमाई का जरिया बनाने जा रहा है। जी हाँ , हरिद्वार ने वर्षो से खाली पड़ी दुकानों के टेंडर निकाल दिये है। लगभग 20 वर्ष तीन चार दुकानों के टेंडर किये थे। जो व्यापार न चलने के कारण बंद हो चुकी है और दुकाने छोड़ व्यापारी चले गए है। भेल की माली हालत किसी से छिपी नही है। इस लिए भेल अब अपनी जमीनी संपदा को कमाई का जरिया बनाने की कई योजनाओं को अंजाम देने की ओर आमदा है, इसी के तहत भेल ने टावर, ए टी एम एवं 21दुकानों के साथ साथ एक रूफ रेस्टोरेंट का भी टेंडर निकाल है।
इस प्रक्रिया के लिए निकाले टेंडर की नियम व शर्ते आधी अधूरी होने से टेंडर मे गड़बड़ी होने से इंकार नही किया जा सकता। वहीं भेल अपनी खाली पड़ी जमीन पर हैली पेड, एवं उससेे जुड़ी कई महत्व पूर्ण योजनाओ को अंजाम देने के मूड मे है। इसी के साथ भेल ने उतराखंड सरकार के पास भी कुछ प्रस्ताव भेजे गए है। उसमे कितने परवान चढ़ते यह तो अभी कहा नही जा सकता। आपको बताते चलें कि भेल की उपनगरी मे अधिकांश मकान खाली पड़े है। जिस कारण भेल के दुकानों के व्यापार मे भारी गिरावट आई है। इस कारण कुछ दुकानदारों ने लंबे समय तक किराया न देते हुए दुकाने छोड़ दी ओर कुछ छोड़ने की योजना बना रहे हैं। इस बावत जब भेल के व्यापारियों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि भेल मे घटती कर्मचारिओं की संख्या ही मुख्य कारण है।
वहीं जिन दुकानों का टेंडर किया गया है, वह काफी समय से बंद रहने के कारण जर्जर हो चली है। भेल व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकेश चौहान ने बताया भेल ने गुमराह कर दुकानों के टेंडर निकाले है। जबकि मौजूदा दुकानों के किराये मे प्रबंधिका अप्रत्याशित बढ़ोतरी करने जा रही है।जिसको देना दुकानदारों के बस का नही होगा और उसके सामने दुकान छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नही होगा। ऐसे मे दुकानों के टेंडर निकालना बेमानी होगी।