( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव के पहले राजनैतिक दलों ने अभी से अपनी चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। एक तरफ जहा टिकट के दावेदारों ने अपने – अपने जुगाड़ सेट करने लगे है वही इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने वोटरों का मूड समझने के लिए इंटरनल सर्वे भी शुरू किए हैं। यहां भजपा और कांग्रेस ने के इंटरनल सर्वे में सामने आया है कि रोज़गार चुनाव में बड़ा मुद्दा रहेगा, इसलिए पार्टियों की नज़र मैनिफेस्टो में युवाओं पर रहेगी। हालांकि, प्रदेश में पैर जमाने की कोशिश में लगी आम आदमी पार्टी इस पर अभी चुप है।
2017 का अगर आपको बीजेपी का दृष्टि पत्र याद हो तो उसमें सरकार बनते ही युवाओं से छह महीने के अंदर सभी विभागों में खाली पद भरने की बात की गई थी। उसमें लाखों लोगों को रोज़गार देने का मुद्दा था। अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 23 हज़ार सरकारी नौकरियों को देने की बात की है। साथ ही बीजेपी अपना 2017 का मैनिफेस्टो भी पलट रही है, ताकि जब मुद्दा उठे तो पार्टी के पास आंकड़ों सहित जवाब हो। वहीं, कांग्रेस दीर्घकालिक नीति लाने की बात कहती है। इसकी वजह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के इंटरनल सर्वे में इस बार रोज़गार एक बड़ा मुद्दा निकल कार सामने आ रहा जिसे दोनों राष्ट्रीय पार्टियां भुनाना चाहती हैं। वहीं नई प्लेयर आम आदमी पार्टी अभी तक इस मुद्दे पर चुप है।
आप नेता अजय कोठियाल पूछने पर कहते हैं कि पार्टी हवा में कोई बात नहीं कहना चाहती, इसलिए आकड़ों और प्लानिंग के साथ बात करेगी। फिलहाल अब सरकारी नौकरी का प्रदेश में मुद्दा तो बड़ा है, लेकिन कौन सी पार्टी इसे भुनाने में कामयाब होगी ये कुछ महीनों में साफ हो ही जायेगा।