( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
पिथौरागढ़। उत्तराखण्ड में उलटी गंगा बहती नज़र आ रही है। जी हाँ ,अभी तक मेडिकल सुविधाओं के आभाव में उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाको से लोग दिल्ली और दूसरे महानगरों को जाते रहे है। लेकिन अब कोरोना महामारी में पहली बार उलटी गंगा बहती नज़र आ रही है। हालात ये हैं कि हॉस्पिटल और बेड की तलाश में लोग दिल्ली से उत्तराखंड के दूर-दराज के इलाकों में पहुंच रहे हैं। दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहने वाले राकेश शर्मा की पत्नी रीता शर्मा को जब दिल्ली और उसके आस-पास तमाम कोशिशों के बावजूद किसी भी हॉस्पिटल में ऑक्सिजन बेड नहीं मिल पाया तो वह उत्तराखंड के चंपावत में एक प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे। हालांकि, यहां पहुंचने तक रीता शर्मा की हालत इतनी बिगड़ गई कि वेंटिलेटर पर रखने के कुछ घंटे बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। हॉस्पिटल अथॉरिटी के मुताबिक, 56 साल की रीता शर्मा को बुधवार देर रात हॉस्पिटल लाया गया। उनका ऑक्सिजन स्तर लगातार गिर रहा था। वेंटिलेटर में रखने के बाद भी उनकी हालत में कुछ सुधार नहीं हुआ और उन्होनें दम तोड़ दिया। हॉस्पिटल अथॉरिटी ने बताया कि ऑनलाइन सर्च कर राकेश शर्मा के परिवार ने हॉस्पिटल में बात की और ऑक्सिजन बेड की उपलब्धता का पता चलने पर वह मरीज को चंपावत लेकर आए। दिल्ली-एनसीआर से लगातार हॉस्पिटल में ऑक्सिजन बेड की उपलब्धता की जानकारी लेने को फोन आ रहे हैं। सामान्य स्थिति में उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चंपावत जैसे दूर के इलाकों से गंभीर मरीज को दिल्ली या देहरादून रेफर किया जाता रहा है। मेडिकल सुविधाओं की कमी को लेकर लोग सड़कों पर भी उतरते रहे हैं और पहाड़ों से पलायन की एक बड़ी वजह यह भी है। लेकिन कोरोना के कहर में दिल्ली-एनसीआर में जिस तरह हाहाकार मचा है उसमें पहाड़ों की ये मेडिकल सुविधाएं भी उम्मीद की किरण की तरह लग रही हैं। हालांकि, उत्तराखंड में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शनिवार को उत्तराखंड में कोरोना के 5493 नए मामले आए हैं। पहाड़ी राज्य में अब एक्टिव केस की संख्या 51127 हो गई है और अब तक कोरोना से 2731 लोगों की मौत हो गई है।
इससे पहले कोरोना संक्रमित यूपी के पूर्व स्पेशल डीजी होशियार सिंह बलवारिया को भी बेहतर इलाज के लिए नोएडा से उत्तराखंड के काशीपुर लाया गया। हालांकि, इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई थी। उत्तराखंड में फिलहाल देश के उन राज्यों में है, जहां सबसे तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं। जनसंख्या की तुलना में उत्तराखंड से आगे केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक हैं।