( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में भाजपा द्वारा प्रदेश अध्यक्ष बदलने के साथ ही प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है। त्रिवेंद्र सरकार में सबसे ताक़तवर मंत्री रहे मदन कौशिक को लेकर भी तमाम सवाल हवाओं और राजनैतिक गलियारों में तैर रहे है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब मदन कौशिक को भाजपा क्या रणनीति बना रहा है ? यह महत्वपूर्ण विषय है। भाजपा मदन कौशिक को केंद्रीय नेतृत्व कुछ केंद्र में जिम्मेदारी देगा या फिर धामी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी ,कुछ कहा नहीं जा सकता है। क्योकि त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाने के बाद भी ऐसी ही कुछ चर्चाएं उस वक्त चली थी पर आज तक सब चर्चाये धरी की धरी रह गई है और त्रिवेंद्र आज भी खाली है।
वही मदन कौशिक को लेकर उन्हें मंत्री बनाए जाने की संभावना को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इस सवाल को कौशिक यह कहकर टाल गए कि यह विषय सरकार का है। सियासी जानकारों का मानना है कि कौशिक के प्रदेश अध्यक्ष पद से विदा होने के बाद हरिद्वार जिले का प्रतिनिधित्व संगठन में भी नहीं रहा है। पार्टी के सामने हरिद्वार जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की परीक्षा है।
आपको बता दे कि धामी मंत्रिमंडल में मंत्रियों के तीन पद खाली हैं। प्रदेश में जब नई सरकार का गठन हुआ तब यही माना जा रहा था कि कौशिक को प्रदेश संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त कर उन्हें सरकार में जगह दी जाएगी, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने अनुभवी कौशिक को संगठन में बनाए रखा और नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दी।
अब प्रदेश मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चाएं गरमा गई
इसके बाद भाजपा के हलकों में चर्चाएं गरम हुई कि सितंबर महीने से भाजपा के सांगठनिक चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है, इसलिए तब तक कौशिक को नहीं हिलाया जाएगा। यह भी माना गया कि प्रदेश मंत्रिमंडल में भी फिलहाल विस्तार नहीं होगा। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने अचानक प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से कौशिक को उतारकर उनकी जगह महेंद्र भट्ट को बैठा दिया। इसे बदलाव के बाद अब प्रदेश मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चाएं गरमा उठी हैं।
त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में वह सबसे ताकतवर मंत्रियों में रहे
सियासी हलकों में यह सवाल भी तैर रहा है कि पार्टी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से विदा हुए अनुभवी मदन कौशिक का क्या उपयोग करेगी? क्या उनकी प्रदेश मंत्रिमंडल वापसी होगी? कौशिक पूर्व भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं और उनके पास शासकीय प्रवक्ता और संसदीय और विधायी कार्य का भी जिम्मा रहा। त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में वह सबसे ताकतवर मंत्रियों में रहे।
ऐसे में संगठन और सरकार पर हरिद्वार जिले को महत्व दिए जाने का दबाव भी है। चर्चा यह भी है कि कौशिक को यदि मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली तो उन्हें केंद्रीय संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती हैं। हालांकि यह संभावना पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर भी जताई जा रही थी, लेकिन अभी तक उन्हें संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
पार्टी हाईकमान अगले एक-दो हफ्तों में पार्टी कौशिक के राजनीतिक भविष्य का हो सकता है फैसला
सियासी जानकारों के मुताबिक, अगले एक-दो हफ्तों में पार्टी कौशिक के राजनीतिक भविष्य के बारे में निर्णय ले सकती है। चर्चा यह भी है कि संगठन और सरकार में 15 अगस्त तक कुछ अहम फैसले हो सकते हैं। अटकलें दायित्व बांटने, संगठन में कुछ नए बदलाव और मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर तेज हैं।