( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
ऋषिकेश। अंकिता हत्या कांड के बाद कई विभागों की आंखे अब जाकर खुली है। NGT ने राजाजी टाइगर रिज़र्व पार्क क्षेत्र और उससे लगे इलाकों में बिना एनओसी और पर्यावरण मानकों का उल्लंघन कर रहे 36 रिजॉर्ट के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
इन रिजॉर्ट में अंकिता हत्याकांड से जुड़ा वनंतरा रिजॉर्ट भी शामिल है। एनजीटी ने जिन 36 रिजॉर्ट के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, उनमें से 19 रिजॉर्ट पर्यावरण मानकों का उल्लंघन कर रहे थे, जबकि 17 रिजॉर्ट के पास एनओसी ही नहीं थी। इस मामले में एनजीटी ने उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तीन माह के भीतर कानूनी प्रक्रिया का पालन कर जुर्माना वसूलने के आदेश भी दिए हैं।
वन एवं पर्यावरण सचिव आरके सुधांशु ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आदेश पर सख्ती से अमल किया जाएगा। जिन रिजॉर्ट के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, उनमें पनाबी रिसॉर्ट, वंदेमातरम् कुंज (दिव्य प्रेम सेवा मिशन), डाउन टाउन रिसॉर्ट, जी वेलेज रिजॉर्ट, लीफ शेड रिजॉर्ट, वनन्तरा रिजॉर्ट, राजाजी रिट्रिट रिजॉर्ट, आरएफसी रिजॉर्ट, वाइल्ड ट्रेल रिजॉर्ट, जंगल लोर वाइल्ड लाइफ रिजॉर्ट, द नीरज फारेस्ट रिजॉर्ट, आर्य समाज मंदिर, योग आश्रम गंगा, ज्योर्लिंगेश्वर बंगलामुखी धाम गंगा, वन तरंग महादेव पानी रिजॉर्ट, फॉरेस्ट रिजॉर्ट सनियार, आश्रम महादेव पानी, आश्रम सनियार, द नेचर रिजॉर्ट, भूखंडी, हीराखाल, सूलिन जंगल लाज और भूखंडी हीराखाल शामिल हैं।
वनंतरा रिजॉर्ट मामले के बाद इस बात की खूब चर्चा हुई थी कि राजाजी टाइगर रिजर्व क्षेत्र, उससे लगे इलाकों और गंगा किनारे पर निरापद इलाकों में बड़ी संख्या में मानकों के विपरीत अवैध व अनाधिकृत रूप से रिसार्ट का संचालन किया जा रहा है। ये भी पता चला था कि इस तरह संचालित हो रहे रिजॉर्ट में कई तरह की अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। लोग कार्रवाई की मांग कर रहे थे। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी संबंधित विभाग विशेष और राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन को जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसी मामले में एनजीटी ने अधिवक्ता एसएन पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 अक्टूबर को कार्रवाई के आदेश दिए। प्रभारी निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व राजीव धीमान ने बताया कि सरकार के निर्देश पर तय मानकों के विपरीत अनाधिकृत व अवैध रूप से संचालित हो रहे रिजॉर्ट की जांच कर उनकी सूची तैयार की जा रही है। इस संबंध में एनजीटी का हालिया आदेश पार्क प्रशासन को नहीं मिला है, आदेश मिलते ही उसका सख्ती से अनुपालन किया जाएगा।