( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार / देहरादून। उत्तराखण्ड शासन द्वारा वेतन रोक के बावजूद खुद के द्वारा आदेश कर वेतन निकालने के आरोपी राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान हरिद्वार के प्रधानाचार्य पी के धारीवाल को निलंबित कर दिया है। निलंबन की अवधि में उन्हें हल्द्वानी स्थित निदेशालय से संबद्ध किया गया है।
शासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। शासन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक आईटीआई अल्मोड़ा के प्रधानाचार्य पीके धारीवाल को पूर्व में आईटीआई देहरादून में संबद्ध किया गया था। एक जून को उनकी संबद्धता को रद्द कर उनका तबादला अल्मोड़ा से पिथौरागढ़ कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने आईटीआई पिथौरागढ़ में पदभार ग्रहण नहीं किया। जो बिना अनुमति के 28 जुलाई तक छुट्टी पर रहे।
शासन के आदेश का पालन न करने पर अगले आदेश तक के लिए उनका वेतन रोक दिया गया था। 29 जुलाई को उनका तबादला पिथौरागढ़ से आईटीआई हरिद्वार कर दिया गया। 30 जुलाई 2022 को उन्होंने हरिद्वार में पदभार ग्रहण किया।
हरिद्वार में पदभार ग्रहण करने के बाद 8 अगस्त को उन्होंने खुद के आदेश से वेतन का स्वीकृति आदेश जारी करते हुए हरिद्वार कोषागार से जून और जुलाई महीने का रोका गया वेतन ले लिया। विभाग के सचिव विजय कुमार यादव के मुताबिक प्रधानाचार्य ने रोक के बावजूद अपने ही कार्यालय आदेश से वेतन लेकर वित्तीय अनियमितता की है। जिस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।