( सुनील तनेजा )
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रिय अध्यक्ष मायावती अब प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए मायावती ने कहा कि वह एक बार िफ़र उत्तर प्रदेश की सीएम और आगे चलकर प्रधानमंत्री भी बनाना चाहती है। परन्तु उन्हें राष्ट्रपति बनना बिल्कुल मंजूर नहीं है। मायावती ने सपा पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि अगर दलित, वंचित, मुस्लिम और सवर्ण समाज के गरीब वोटर्स बसपा के पास वापस आ जाएं तो उनके सीएम और फिर पीएम बनने की संभावनाएं प्रबल हो जाएंगी।
मायावती को लेकर अखिलेश ने कही थी यह बात
गौरतलब है कि हाल ही में अखिलेश यादव ने यह कहा था कि विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा ने अपना वोट बीजेपी को दिया था। अखिलेश ने कहा कि अब देखने वाली बात होगी कि पार्टी उन्हें प्रेसिडेंट बनाती है कि नहीं।
मायावती का आरोप : अखिलेश करते हैं घिनौनी राजनीति
आपको बता दें, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के मुस्लिमों और कमजोर वर्ग पर जो जुल्म हुए हैं उनके जिम्मेदार सपा मुखिया हैं। वह अभी भी अफवाह ही फैला रहे हैं, बाज नहीं आ रहे। मायावती ने कहा कि अब अखिलेश को घिनौनी राजनीति बंद कर देनी चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि वह बताना चाहती हैं कि इसमें कोई शक नहीं है कि यूपी सहित पूरे देश में दलित, मुस्लिम, आदिवासी और सवर्ण के गरीब बसपा से अगर जुड़ गए तो मायावती को सीएम और फिर पीएम बना सकते हैं।
मायावती का कहना है कि इन सभी वर्गों में बहुत पावर है। हालांकि, इसको लेकर शर्त यह है कि सभी वर्ग बसपा से दोबारा जुड़ जाएं और लोगों के बहकावे में नहीं पड़ें।
राष्ट्रपति नहीं बनना चाहतीं मायावती, यह बताई वजह
मायावती का कहना है कि वह फिर से सीएम और पीएम बनने का सपना देख सकती हैं। हालांकि, राष्ट्रपति बनने का सपना नहीं देखना चाहतीं। क्योंकि वह मानती हैं कि राष्ट्रपति की जिंदगी ऐश और आराम की होती है, जो कि वह नहीं चाहतीं। मायावती कहती हैं कि उन्होंने अपना जीवन दबे-कुचले लोगों के उत्थान के लिए समर्पित किया है। बिल्कुल वैसे ही जैसे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और मान्यवर कांशीराम ने किया था। उनका कहना है कि वह यह काम राष्ट्रपति बनकर नहीं कर सकतीं, इसलिए प्रदेश की सीएम और देश की पीएम बनकर करना चाहती हैं।
अखिलेश अपना रास्ता क्लियर करना चाहते हैं: मायावती
बसपा सुप्रीमो कहती हैं कि समाजवादी पार्टी वाले उन्हें राष्ट्रपति बनाने का जो सपना देख रहे हैं, वह भूल जाएं। सपाई ऐसा इसलिए चाह रहे हैं, ताकि अखिलेश यादव का सीएम बनने का रास्ता क्लियर हो जाए। लेकिन, यह बात संभव नहीं है। यूपी के मुसलमानों और यादवों के वोट के बाद, कई दलों से गठबंधन के बाद भी समाजवादी पार्ची चुनाव में हार गई।