( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस में शायद सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। क्योकि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने अचानक से अपने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी ,जो चर्चा का विषय बानी हुई है। इस पोस्ट में किशोर ने लिखा कि 20216 में कांग्रेस चाहती थी कि उन्हें राज्यसभा भेजा जाए लेकिन राज्यसभा कोई और गया। जो गया उन्होंने कांग्रेस के लिए कितना काम किया और कितना वक्त दिया, यह सवाल है जो किशोर उपाध्याय ने उठाया है। उपाध्याय ने इशारों में पूर्व सीएम हरीश रावत को भी निशाने पर लिया। उपाध्याय ने कहा कि 2017 में जब कांग्रेस चुनाव हारी तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत को हार के बाद सीडब्ल्यूसी का सदस्य और महासचिव बना दिया गया और इस तरह की विसंगतियां नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पार्टी को पुराने गलत फैसलों से सबक लेने की सलाह दी है, ताकि 2022 में पार्टी का भला हो सके और कांग्रेस फिर सत्ता में लौट सके । जहां एक तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को भरोसा है कि 2022 विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी जीतेगी, वहीं 2017 में हार के बाद अध्यक्ष पद से हटाए गए किशोर उपाध्याय को भी 2022 की चिंता सता रही है। अपनी एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने इशारों में पूर्व सीएम हरीश रावत को निशाने पर लिया है, और 2016 में राज्यसभा सांसद के चुनाव और फिर 2017 की हार का जिम्मेदार बताया है,और कहा है कि पार्टी 2022 चुनाव के लिए सोच समझकर काम करे।
उत्तराखंड कांग्रेस को चुनाव चेहरे पर लड़ना चाहिए, इस बात की वकालत पूर्व सीएम हरीश रावत ने की थी, पर अब किशोर उपाध्याय का बयान उसी प्लान पर किसी हमले से कम नहीं है। प्रीतम सिंह का साफ कहना है कि मुख्यमंत्री कौन होगा,ये राष्ट्रीय नेतृत्त्व तय करेगा,लेकिन चुनाव में चेहरा कोई नहीं होगा। साफ है कि कांग्रेस में भले ही खुलकर 2022 के सियासी दांव-पेंच ना दिख रहे हों, लेकिन अंदर खाने कुछ ना कुछ चल रहा है, ये किशोर उपाध्याय के बयान ने साफ कर दिया है।