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बड़ी खबर : उत्तराखण्ड सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड भंग करने के फैसले का तीर्थ पुरोहितों और साधु – संतो में ख़ुशी की लहर ,गंगा सभा ने किया दुग्धाभिषेक ,जताया आभार। आखिर किसका ? Tap कर जाने

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( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

देहरादून / हरिद्वार। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड भंग किये जाने के CM पुष्कर सिंह धामी के फ़ैसले से प्रदेशभर के तीर्थ  पुरोहितों और साधु-संतों में खुशी की लहर है। वही हरिद्वार में गंगा सभा के पदाधिकारियों ने गंगा में दुग्धाभिषेक कर सीएम धामी का आभार जताया है। चारधामों के तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारी बोर्ड का गठन होने के बाद से ही विरोध कर रहे थे। वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बोर्ड को चुनावी मुद्दा बनाने को लेकर भी सरकार पर दबाव था। 

किसने क्या कहा ?
सत्य, सनातन और परंपराओं की जीत हुई है। मैं देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिए सरकार का धन्यवाद और आभार व्यक्त करता हूं। जल्द चारों धामों से सभी तीर्थपुरोहित मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।
रावल हरीश सेमवाल, अध्यक्ष श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति।
धर्म पर कानून का पहरा नहीं होना चाहिए। जब भी धर्म पर कानून का पहरा होता है तो धर्म बिगड़ जाता है। केंद्र की मोदी सरकार के कृषि बिल वापसी के बाद राज्य में धामी सरकार ने बड़ा दिल दिखाया है। जो धर्म की रक्षा करता है संसार में वही टिकता है। देवस्थानम बोर्ड भंंग करने के लिए सरकार का धन्यवाद है।
सुरेश सेमवाल, सचिव श्री गंगोत्री मंदिर समिति।
आखिर सरकार ने माना कि तीर्थपुरोहितों की लड़ाई सत्य की लड़ाई थी। सत्य की विजय हुई है। सरकार भी सत्य के साथ खड़ी हुई। इसके लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद। 
कृष्ण कांत कोठियाल, अध्यक्ष चारधाम तीर्थपुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत
तीर्थपुरोहितों के दो साल से चल रहे आंदोलन का नतीजा है कि सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग करने की घोषणा की। ये कार्य पहले ही हो जाना चाहिए था। मगर सत्ता में बैठे कुछ लोगो की हठधर्मिता के कारण ये लड़ाई इतनी लंबी चली। मुख्यमंत्री की पहल स्वागतयोग्य है। 
अशोक टोडरिया, बद्रीश पंडा पंचायत कोषाध्यक्ष।

( श्री महंत रवींद्र पुरी , अध्यक्ष , अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष )


प्रदेश सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसका आने वाले समय में सरकार को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड भंग होने से साधु संतों के साथ ही तीर्थ पुरोहितों में भी खुशी की लहर है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी (निरंजनी)

महामंडलेश्वर एवं प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने भी बोर्ड भंग होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश में जहां पर मंदिरों का सरकार ने अधिग्रहण किया हुआ है देखने में आया है कि उन मंदिरों में आने वाले दान के पैसे को मुस्लिम और ईसाई संगठनों पर खर्च किया जाता है। उन्होंने देश की उन सरकारों से मांग की है की जहां भी मंदिर का अधिग्रहण किया हुआ है उन सभी मंदिरों को अवमुक्त किया जाए और मंदिरों में जो महंत परंपरा निर्वाद चलती थी उन परंपराओं का निर्वाहन सरकारों को भी करना चाहिए।

महंत रूपेंद्र प्रकाश महाराज, महामंडलेश्वर,हरिद्वार।

श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहां है कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है सरकार ने प्रदेश के 51 मंदिरों के अधिग्रहण को लेकर इस देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था। जिसका पिछले 2 वर्षों से तीर्थ पुरोहित विरोध कर रहे थे और लगातार आंदोलन चल रहा था। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला स्वागत योग्य है आज सभी तीर्थ पुरोहितो के आंदोलन की जीत हुई है। उन्होंने इसके लिए धामी सरकार का धन्यवाद किया है।

तन्मय वशिष्ठ महामंत्री श्री गंगा सभा हरिद्वार

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