( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने वर्तमान सत्र में तबादलों की सीमा तय कर दी है। पिछले वर्षों के मुकाबले सरकार ने इस साल तबादलों का प्रतिशत पांच फीसदी और बढ़ा दिया है। लेकिन सरकार के फैसले से शिक्षक खुश नहीं है। शिक्षा विभाग में तबादलों में 15 % का मानक लागू होने से LT और प्रवक्ता कैडर में अनिवार्य क्षेणी के तबादलों की संख्या 7990 से घटकर करीब 1200 के करीब रह गई है। LT कैडर में इस वक्त अभी लगभग 3500 के करीब पद रिक्त है। जिसमे में सिर्फ 3500 शिक्षकों अवसर मिल सकेगा। लेकिन अब केवल 525 शिक्षक ही तबादले के दायरे में आएंगे। जबकि प्रवक्ता कैडर में रिक्त 4490 पदों पर अब केवल 673 शिक्षकों को ही मौका मिलेगा।
राजकीय शिक्षक संघ के निवर्तमान अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी का कहना है कि जब से तबादला कानून लागू हुआ है, एक बार भी मानक के अनुसार तबादले नहीं हुए। सरकार हर बार 10 फीसदी तक सीमित करती रही है। इससे बहुत कम शिक्षकों को लाभ मिल पाया है।
सरकार को सभी पदों पर तबादले करने चाहिएं। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवीर सिंह पुंडीर ने कहा कि पंद्रह प्रतिशत का मानक शिक्षकों के साथ नाइंसाफी है। इससे तो 20-20 साल से दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों को मौका ही नही मिल पाएगा। सरकार को सभी रिक्त पदों पर तबादले करने चाहिए।

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