( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। देश के साथ – साथ उत्तराखण्ड में भी कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। यहां पर रोजाना सैकड़ो मरीज सामने आ रहे है। वही कई मरीजों की मौत भी हो रही है। जिसका असर राज्य के ट्रांसफर पर भी पड़ा है। यही वजह है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में तबादलों पर ब्रेक लगा दिया है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, चालू सत्र 2021-22 में स्थानांतरण नहीं किए जाएंगे। बता दें कि कोविड-19 की वजह से ही बीते सत्र में भी कार्मिकों के स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित किया गया था। वहीं, इस बार भी स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित किया गया है। कहा जा रहा है कि सरकार को अंदेशा है कि कार्मिकों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से संक्रमण फैलने का खतरा है। साथ ही राज्य में अभी रोज सैंकड़ों कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में आर्थिक गतिविधियां बंद होने से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। सबसे ज्यादा पर्यटन विभाग को नुकसान हुआ है।
19 फरवरी के आदेश को अतिक्रमित करते हुए स्थानांतरणों पर रोक लगा दी गई है
जानकारी के अनुसार, मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश में बीती 19 फरवरी के आदेश को अतिक्रमित करते हुए स्थानांतरणों पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, प्रभारी सचिवों, अपर सचिवों के साथ ही गढ़वाल व कुमाऊं के मंडलायुक्तों, सभी जिलाधिकारियों व विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि जिन सेवाओं में स्थानांतरण अधिनियम, 2017 के प्रविधान लागू हैं, उनमें स्थानांतरण सत्र शून्य रहेगा। सिर्फ चुनाव आचार संहिता और प्रशासनिक कारणों के तहत ही तबादले हो सकेंगे। शासनादेश में यह भी उल्लेख है कि किसी अधिकारी या कर्मचारी को किसी प्रकार की दिक्कत होने की स्थिति में स्थानांतरण अधिनियम की धारा-27 के तहत स्थानांतरण समिति के समक्ष स्थानांतरण के प्रस्ताव उपलब्ध कराए जा सकते हैं।