( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / हरिद्वार । उत्तराखण्ड में कोरोना की चपेट में सबसे ज्यादा यंगस्टर्स आ रहे है। यदि आप यंगस्टर्स है और आप सोच रहे है कि आपकी इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग है तो यह आपकी गलतफहमी है। जी हाँ ,इस विशेष कोरोना कॉल में लापरवाही से ना घूमे। क्योकि कोविड की सेकेण्ड वेब में सबसे अधिक अगर कोई चपेट में है तो वो हैं यंगस्टर्स। कोविड की सेकेण्ड वेब कहर ढाह रही है। उत्तराखंड हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकडे़ बताते हैं कि बीस से 39 साल के युवा सबसे अधिक कोविड की चपेट में हैं। उत्तराखंड में 27 अप्रैल से चार मई के बीच एक हप्ते में 41 हजार कोविड पॉजिटिव केस आए हैं। जब इनका विश्लेषण किया गया तो पता लगा कि पॉजिटिव आए 19 हजार से अधिक लोग 20 से 39 साल के ऐज ग्रुप के थे।
कोविड पॉजिटिव केसों का आंकड़ा दो लाख के पार पहुंच चुका है
साफ है कि कुल केसों का 46 फीसदी यंगस्टर्स थे। भूतपूर्व चिकित्सक गंगाराम / तीरथ राम अस्पताल ड्रा राम शर्मा का कहना है कि कोविड को लेकर यंगस्टर्स की बेफिक्री इसका सबसे बड़ा कारण है। यंगस्टर्स की ये बेफिक्री परिवार पर भी भारी पड़ रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि यंगस्टर्स की चपेट में आने के कारण बड़ी संख्या में घर के अदर मेंबर्स भी कोविड की जद में आ रहे हैं। उत्तराखंड में कोविड पॉजिटिव केसों का आंकड़ा दो लाख के पार पहुंच चुका है।
अपनों के लिए भी भारी पड़ सकती है
मात्र दो महीने में ही मौतों का आंकड़ा पिछले साल हुई कुल मौतों के बराबर पहुंच चुका है। कोविड से करीब तीन हजार से अधिक मौतें उत्तराखंड में हो चुकी हैं। नए केसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में कोरोना को लेकर थोड़ी सी ब्रेफिक्री न सिर्फ हमारे लिए बल्कि हमारे और अपनों के लिए भी भारी पड़ सकती है।