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काला चना सस्ते गल्ले की दुकानों पर बाजार भाव के ही समान तो आखिर इस पर फिर सब्सिडी क्या ? जाने 

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( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

विकासनगर । ह्यूमन राइट्स एन्ड आर टी आई एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा एवं महासचिव भास्कर चुग ने  कहा कि मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के तहत सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर घ्51 प्रति किलो की दर से उपभोक्ताओं को काला चना उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसका वर्तमान थोक भाव 4250 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास है और बाजार भाव भी 55 घ्50 के आसपास ही चल रहा है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उक्त योजना के अंतर्गत सब्सिडी देते हुए दाल उपलब्ध कराई जाती है. परंतु प्रश्न यह है कि जब सब्सिडी देने के बावजूद काला चना साबुत का उचित दर विक्रेता अर्थात सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर भाव बाजार के समान ही है तो इस पर सब्सिडी की क्या स्थिति है?

शासन को स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि उक्त दाल काला चना साबुत पर सब्सिडी दी गई है अथवा नहीं. यदि सब्सिडी दी गई है तो कितनी सब्सिडी प्रति उपभोक्ता दी गई है? यदि सब्सिडी दी गई है तो उसका लाभ उपभोक्ता को क्यों नहीं मिल रहा है? सरकार ने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर उपलब्ध काला चना साबुत किस भाव पर क्रय किया है? उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में भारी घपले की आशंका है. इसलिए सरकार को संपूर्ण प्रकरण की जांच एक उच्च स्तरीय समिति गठित करके करनी चाहिए यह मांग एसोसिएशन सरकार से करती है सरकार से यह जांच करने की भी मांग एसोसिएशन करती है कि गरीब उपभोक्ता को सब्सिडी का जो लाभ मिलना चाहिए था वह क्यों नहीं मिल रहा है? या फिर कुछ बड़ी पहचान वाले लोग उस लाभ को डकार तो नहीं रहे हैं?

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