* शुद्ध हवा और पानी ज़िन्दा रहने के लिये ज़रूरी है और उत्तराखंड इसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व लम्बे समय से वनाधिकारों को लेकर संघर्षरत किशोर उपाध्याय ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार से उत्तराखंडियों से बिजली व पानी के बिल न लेने की अपेक्षा की है साथ ही साथ उन्होंने अपनी पूर्व की माँग को दुहराया कि यहाँ के निवासियों को प्रतिमाह एक रसोई गैस सिलेंडर निशुल्क मिलना चाहिये।
उन्होंने कहा कि “कोरोना” बीमारी में अब कमसे-कम लोगों को उत्तराखंड की अहमियत समझ में आ रही होगी।
शुद्ध हवा और पानी ज़िन्दा रहने के लिये ज़रूरी है और उत्तराखंड इसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।एक अकेले महापुरुष स्व. विशेश्वर दत्त सकलानी जी का वन लगाने व बचाने का योगदान 50 लाख हज़ार करोड़ रुपये आंका गया है।
हम से हर चीज़ की क़ीमत ली जाती है। हमें अनाज, कपड़ा, नून-तेल, डीज़ल-पेट्रोल,दवा-दारू मुफ़्त तो नहीं दिया जाता।
आज एक पानी की बोतल बाज़ार में 20 रुपये से कम की नहीं है, हम 60 करोड़ लोगों को पीने, सिंचाई व औद्योगिक जल दे रहे हैं, उसकी कोई क़ीमत नहीं आंक रहा।
“कोरोना” की बीमारी में एक वेंटीलेटर की ओक्सीजन का रोज़ क्या चार्ज लिया जा रहा, भुक्तभोगी ही जानता है? हम स्थायी प्राणवायु की फ़ैक्टरी हैं, उसकी कोई क़ीमत नहीं आंक रहा?
यह कहा जा रहा है कि “लॉकडाउन” के बाद से ओज़ोन लेयर की स्थिति सुधरी है और हम हिमालयवासी/गिरिजन/अरण्यजन अहर्निश ओज़ोन लेयर को जीवन दे रहे हैं, उस योगदान को कोई मान्यता नहीं दे रहा।
जीवित रहने के लिये पहली मूलभूत आवश्यकता प्राणवायु व फेफड़े हैं, दूसरी आवश्यकता पानी है,“कोरोना” ने यह बतला दिया है।
जीवित रहने के लिये तीसरी ज़रूरी चीज अन्न है, बिना पानी के अन्न पैदा नहीं हो सकता है, हमारे पानी से कितना अन्न पैदा होता है? आकलन करिये!
उपाध्याय ने राज्य सरकारों व केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि गेहूँ की फ़सल पक गयी है और अगर लॉकडाउन में फ़सल काटने और सम्हालने की छूट न दी गयी तो अन्न का गम्भीर संकट पैदा हो जायेगा और (धान) ख़रीफ़ की फ़सल की बुवाई भी नहीं हो पायेगी।देश में भयंकर अकाल की स्थिति पैदा हो जायेगी।
हम किसान के लिये भले ही कुछ न करें, अपने प्राणों की रक्षा के लिये किसान के साथ खड़े ज़रूर हों।
उपाध्याय ने अपनी बात पर ज़ोर देते हुये कहा कि यह समय की आवश्यकता है कि त्रिवेंद्र सरकार तुरन्त उत्तराखंडियों को निशुल्क बिजली-पानी और प्रतिमाह एक रसोई गैस सिलेंडर दे।
उपाध्याय ने कोरोना की महामारी से एकजुट होकर संघर्ष करने का भी अनुरोध किया।