( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
बगहा। बिहार के पश्चिमी चम्पारण जिले के बगहा में मुर्गा अर्थात चिकेन बेचने को लेकर थोक और खुदरा विक्रेता आमने-सामने आ गए हैं। दर निर्धारण में मनमानी को लेकर खुदरा विक्रेताओं ने मोर्चा खोल दिया है और चिकेन की दुकान बंद कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल बगहा में रोजाना मुर्गियों की खेप सीमावर्ती उत्तर प्रदेश से गाड़ियों में भर कर लाई जाती है। जिसके बाद थोक विक्रेता इसको खुदरा दुकानों पर सप्लाई करते हैं। खरीद और मार्केट रेट के हिसाब से चिकेन की बिक्री की जाती है। लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद बिहार में जनजीवन पटरी पर क्या लौटा होलसेल कारोबारियों की मनमानी से छोटे और खुदरा चिकेन विक्रेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक थोक विक्रेता 180 से 200 रुपए प्रति किलो चिकेन बिक्री का दबाव बना रहे हैं। यही नहीं, वो अब पोल्ट्री फार्म से भी चिकेन की बिक्री करने लगे हैं। जबकि खुदरा विक्रेताओं व छोटे दुकानदारों के द्वारा 150 से 160 रुपये प्रति किलो चिकेन की बिक्री की जा रही है जिसको लेकर थोक विक्रेता नाराज हो कर उन्हें चिकेन की सप्लाई बंद करने लगे हैं। ग्राहकों के आर्थिक शोषण को लेकर खुदरा चिकेन दुकानदार विरोध में उतर आए और दुकानें बंद कर प्रदर्शन पर उतारू हैं।
चिकेन को लेकर चिकचिक का मामला अब प्रशासन तक पहुंच गया है। आईएएस ( Sdm ) दीपक मिश्रा मुर्गा बिक्री के इस विवाद को सुलझाने की पहल कर रहे हैं। बगहा के एसडीएम दीपक मिश्रा ने इसकी शिकायत के बाद संज्ञान लेते हुए थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेताओं के साथ बैठक कर उन्हें जल्द ही समस्या के निदान का भरोसा दिलाया है। उन्होंने बताया कि थोक विक्रेताओं को तलब किया गया है जिनसे वार्ता कर मामला सुलझा लिया जाएगा।