(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियो के साथ विडिओ कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। बैठक में गृहमन्त्री अमित शाह भी मौजूद रहे। बैठक में कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की सिफारिस की। 22 मार्च को देश में लागू लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चौथी बार सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बात की। जिसमें महामारी की स्थिति और महामारी रोकने के लिए केंद्र और राज्यों द्वारा उठाए गए कदम पर चर्चा की। इस वर्चुअल बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
सूत्रों के अनुसार बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि सामूहिक प्रयास का लाभ दिख रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का हमें लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है।
वही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री के समय पर लिए गए साहसिक निर्णय से देश आज खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। हर भारतवासी प्रधानमंत्री जी को अपने अभिभावक के तौर पर देख रहा है। उत्तराखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये मंत्र ‘जान भी जहान भी’ पर काम कर रहे हैं। भारत सरकार की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करते हुए धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति को सुधारने पर काम कर रहे हैं। फार्मा, फूड प्रोसेसिंग की इकाइयां काम कर रही हैं। गाइडलाइन के तहत कई उद्योग शुरू हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अक्षय तृतीया पर शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड, पर्यटन विशेष तौर पर धार्मिक पर्यटन का केन्द्र रहा है। लाकडाऊन के कारण पर्यटन में नुकसान हुआ है परंतु पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में स्थितियां फिर सुधरेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मेडिकल मानकों का पालन करते हुए यह देखना चाहिए कि किन किन और आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया जा सकता है। निर्धारित शारीरिक दूरी और मास्क की अनिवार्यता के साथ कृषि, वानिकी, स्वरोजगार के माध्यम से धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से स्थिति सामान्य हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 9 पर्वतीय जिले जो कि कोरोना के प्रभाव से मुक्त हैं, वहां एनएच, मनरेगा के काम, सभी बातों का ध्यान रखते हुए शुरू किए गए हैं। प्रदेश के इकोनोमिक रिवाइवल के लिए, मंत्रिमण्डलीय उपसमिति और विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है, जिनकी रिपोर्ट जल्द ही मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि मनरेगा में रोजगार की अवधि को 100 दिन से बढ़ाकर 150 दिन किया जाए।