( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवाए को वार्षिक परीक्षा पर चर्चा के दौरान छात्रों से बातचीत की और उन्हें परीक्षा को त्यौहार के रूप में मानाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किनारे पर आकर डूबने का डर मन से निकाल दें, परीक्षा जीवन का एक सहज हिस्सा है।
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच पीएम मोदी ने बच्चों से कहा कि यह मेरा पसंदीदा कार्यक्रम है, लेकिन कोविड के कारण मैं आपसे नहीं मिल सका। इससे मुझे विशेष खुशी मिलती है क्योंकि मैं आपसे लंबे समय बाद मिल रहा हूं।
उन्होंने कहा कि कौन तनाव में है? आप या आपके माता-पिता? यहां और भी लोग हैं जिनके माता-पिता तनाव में हैं। अगर हम परीक्षा को एक त्योहार बनाते हैं तो यह जीवंत महसूस होगा और खुशियां देगा। एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का देश के हर वर्ग ने तहे दिल से स्वागत किया है।
गुजरात के वडोदरा के केनी पटेल ने पूछा कि उचित रिवीजन के साथ-साथ कोई भी पाठ्यक्रम कैसे पूरा किया जा सकता है और उचित नींद भी ले सकती है।
पीएम ने इसका जवाब देते हुए कहा कि तुम क्यों डर रहे हो? यह पहली बार नहीं है जब आप परीक्षा दे रहे हैं। अब आप अंतिम मील तक पहुंच रहे हैं। आपने पूरा सागर पार कर लिया है, आप किनारे पर डूबने से क्यों डरते हैं?
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा पिछले चार वर्षों से परीक्षा पे चर्चा का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के पहले तीन चरण दिल्ली में एक इंटरैक्टिव टाउन-हॉल प्रारूप में आयोजित किए गए थे। चौथा संस्करण पिछले साल 7 अप्रैल को ऑनलाइन आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि परीक्षा पर चर्चा के माध्यम से प्रधानमंत्री जी द्वारा विद्यार्थियों को तनाव मुक्ति, आत्मविश्वास बढ़ाने, एकाग्रचित मन के लिए जिस तरह प्रेरित किया गया है, यह विद्यार्थियों के मनोबल को ऊंचाईयों तक पहुंचाता है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले प्रदेश के सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी के मन में परीक्षा के तनाव का वातावरण न हो और आत्मविश्वास हो, तो उसके बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुशासन का होना जरूरी है। बच्चे, माता-पिता एवं गुरूजनों का अनुसरण सबसे अधिक करते हैं। बच्चों की प्रतिभाओं को उजागर करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरणा दी कि बेहतर कार्य करने के लिए मन में उत्साह होना चाहिए। यदि मन में उत्साह हो तो कार्य के प्रति ऊर्जा स्वतः ही आ जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा बच्चों की हर जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बच्चों की जिज्ञासा के समाधान का अच्छा मंत्र बताया कि ऑनलाइन या ऑफलाइन शिक्षण माध्यम समस्या नहीं, बल्कि मन समस्या है। यदि किसी कार्य के लिए हमारा मन एकाग्र है, तो वह कार्य सफलतापूर्वक पूरा होता है। नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को नए रास्ते पर जाने का सम्मान के साथ अवसर दे रही है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं विद्यार्थी मौजूद थे।