(भेल के प्रदूषण नियंत्रण अनुसंधान संस्थान ने की जांच)
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन के कारण पर्यावरणीय प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आयी है । बीएचईएल स्थित प्रदूषण नियंत्रण अनुसंधान संस्थान (पीसीआरआई) हरिद्वार द्वारा की गई जांच में हरिद्वार के भीतर जल, वायु तथा ध्वनि प्रदूषण में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गयी है । इस अध्य्यन का उद्देश्य लॉकडाउन अवधि में पर्यावरणीय स्थितियों का मूल्यांकन करना था ।
इस अध्य्यन हेतु 7 से 10 अप्रैल के बीच वायु और गंगा नदी के जल की गुणवत्ता की निगरानी की गई । हरिद्वार में विभिन्न स्थानों जैसे कि हर की पौड़ी, चंद्राचार्य चौक, बीएचईएल सीएफएफपी गेट , सिडकुल तथा बहादराबाद आदि में वायु की जांच की गई। जिसमें पाया गया कि आम दिनों की अपेक्षा वायु में पीएम10ए पीएम2ण्5ए सल्फर डाईआक्साइड तथा नाइट्रोजन डाईआक्साइड के स्तर में 75 से 80 फीसदी की कमी आई है । गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता जांचने हेतु भीमगोड़ा, हर की पौड़ी और पायलट बाबा आश्रम आदि जगहों से गंगाजल के नमूने लिए गए जिनमें पाया गया कि सभी स्थानों के नमूनों में प्रदूषण की सीमा सामान्य दिनों की तुलना में बहुत कम है तथा कीटाणु शोधन के बाद गंगा का पानी पीने योग्य है ।
हरिद्वार के विभिन्न स्थानों पर किए गए ध्वनि प्रदूषण की जांच में यह पता चला कि दिन के समय में शोर के स्तर में भी काफी गिरावट आयी है । कुल मिलाकर निष्कर्ष निकाला गया है कि हरिद्वार में लॉकडाउन अवधि के दौरान सामान्य दिनों की तुलना में वायु तथा गंगा जल की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी हुई है तथा ध्वनि प्रदूषण में कमी आयी है ।