Haridwar Nagar Nigam Slider Uttarakhand

हरिद्वार में सोमवार से नहीं उठेगा कूड़ा ,निगम के सौतेले व्यवहार से कम्पनी में आया दिवालियापन। आखिर कैसे ? टैब कर जाने  

Spread the love

( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

हरिद्वार।  हरिद्वार में 8 सालो से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम देख रही है कंपनी अपने बयान में कहती है कि पूरे राज्य सहित उत्तर प्रदेश या दूसरे राज्यों के अगर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के मानदेय को देखा जाए तो उस हिसाब से उनका मानदेय बेहद कम है। लिहाजा जिस वक्त सरकार या यह कहें नगर निगम से अनुमति हुआ था। उस वक्त पेट्रोल की कीमत ₹40 थी जो अब बढ़कर ₹75 हो गई है लेकिन महंगाई बढ़ने के साथ आज तक भी नगर निगम की तरफ से कंपनी रूल के हिसाब से पैसों में इजाफा नहीं किया ऐसे में कंपनी सभी कर्मचारियों को तनख्वाह देने के साथ-साथ गाड़ियों की मरम्मत पेट्रोल और प्लांट का खर्चा नहीं उठा पा रही है। लिहाजा हर महीने लाखो का घाटे में चल रही कंपनी अब सरवाइव नहीं कर सकती है । जबकि कंपनी ने 3 महीने पहले नोटिस पीरियड देने के साथ-साथ अपना ट्रेनिंग नोटिस पीरियड भी समाप्त कर लिया है। बावजूद इसके नगर निगम की तरफ से कोई भी पहल नहीं की गई है ऐसे में कंपनी चला रहे लोगों का कहना है कि अब बेहद मुश्किल हो गया है कि एक कर्मचारी को भी तनख्वाह जेब दी जाए। 


आखिर कम्पनी क्या कहती है 
हम 8 सालों से हरिद्वार के शहर से कूड़ा उठाने का काम कर रहे थे सरकार और आश्वासन के बावजूद हम लगातार निरंतर काम कर रहे थे हमारा मकसद हो सकता है कि एक कंपनी को कंपनी के तौर पर चलाने का हो लेकिन इसमें 80% हमारा मकसद यही था कि हम शहर के लोगों को रोजगार दे पाए लगभग 500 लोग हमारी कंपनी से जुड़े हुए थे जिनको हम परिवार के तौर पर मानते हुए 8 सालों से कार्य करवा रहे थे लेकिन अब हमारी हिम्मत नहीं है कि हम आगे कंपनी को सरवाइव कर पाए क्योंकि सरकार के आश्वासन नगर निगम के खोखले वादे हमें अब खोखला कर चुके हैं इसलिए हमने निर्णय लिया है कि सोमवार से हम कंपनी को बंद करने जा रहे हैं यह निर्णय ठीक वैसा ही है जैसे किसी पुश्तैनी मकान को छोड़ने के बाद एक परिवार का होता है लिहाजा हम नहीं चाहते कि हम ऐसा करें पर कंपनी पैसे से चलती है और पैसा फिलहाल हमारे पास नहीं है अगर प्रशासन हमारे ऊपर देहरादून मुनी की रेती हल्द्वानी और उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों की तरह पूरी तरह नहीं थोड़ी भी नजर डालता तो हमें यह कदम उठाना नहीं पड़ता आज हमें बेहद दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि हम दिवालिया होने की कगार पर हैं और हमारे पास पैसा नहीं हैं ताकि हम कर्जा उठा कर नगर निगम का कूड़ा उठा सकें। 


कंपनी के डायरेक्टर अजय कुमार ने निगम को अपने पक्ष लिखा है
अनुबंध होने की तिथि से आज तक न्यूनतम आय उत्तराखंड में दो बार बढ़ाई जा चुकी है इसके साथ ही जब अनुबंध हुआ था तब डीजल का रेट ₹40 प्रति लीटर था जबकि आज ₹72 प्रति लीटर हो गया है । नगर निगम कई सालों से टापिंग फीस दर और डीपीआर राशि को बढ़ाने का लगातार आश्वासन दे रहा था लेकिन उसमें भी अब तक कोई बात आगे नहीं बढ़ी ।इतना ही नही अनुबंध के बाद हरिद्वार नगर निगम के के क्षेत्र को और बढ़ा दिया था जिसके कारण कर्मचारियों को बढ़ाया गया था ।
निगम आखिरकार हमारे साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है जबकि देहरादून नगर निगम में 2205 रुपये प्रतिटन कूड़ा उठाने का पैसा दिया जा रहा है । मुनि की रेती में 1920 रुपये प्रति टन जबकि हरिद्वार की केआरएल को 361 रुपये प्रतिटन के हिसाब से पैसा दिया जा रहा है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *