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हरिद्वार के डीएफओ के खिलाफ जमानती वारण्ट जारी ,सचिव मनीषा पवार को अवमानना नोटिश जारी। आखिर क्यों ? जाने 

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पतंजलि आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रधानाचार्य पर 24 को तय होगा अवमानना का आरोप। 

(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

नैनीताल / हरिद्वार। हाईकोर्ट के पूर्ब आदेश का पालन नहीं करने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने हरिद्वार के डीएफओ आकाश वर्मा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने डीएफओ को कारण बताने के लिए 16 मार्च को कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है।  न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी रति राम ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि पूर्व में कोर्ट ने आदेश पारित कर उनकी समस्त सेवाओं को जोड़ते हुए विभाग को उन्हें पेंशनरी बेनिफिट के समस्त लाभ देने के आदेश दिए थे। याचिका में कहा  कि बार-बार प्रत्यावेदन देने के बाद भी डीएफओ हरिद्वार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया।

लोनिवि सचिव मनीषा पवार को अवमानना नोटिस

(फाइल फोटो )

पूर्व में दिए गए आदेश का पालन नहीं करने पर हाईकोर्ट ने लोक निर्माण विभाग सचिव मनीषा पवार को अवमानना नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

चंपावत निवासी अधिवक्ता अशोक सिंह ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि लोनिवि ने चंपावत तहसील के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत सड़क बनाई लेकिन सड़क निर्माण में भूमि अधिग्रहण नियमावली का पालन नहीं किया। इसके खिलाफ 2015 में छह लोगों ने याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने प्रक्रिया का पालन किए बिना पीएमजीएसवाई के तहत सड़क का निर्माण किया है।

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ग्रामीणों को अभी तक अधिग्रहीत की गई उनकी जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया है । सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी नहीं की और सड़क का निर्माण कर दिया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को छह माह के अंदर अधिसूचना जारी कर याचिकाकर्ताओं को नए भूमि अधिग्रहण व पुनर्वास अधिनियम के तहत मुआवजा देने के के निर्देश दिए थे। अवमानना याचिका में कहा गया कि हाईकोर्ट के इस आदेश का भी सरकार ने पालन नहीं किया। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सचिव मनीषा पंवार को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।

पतंजलि आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रधानाचार्य पर 24 को तय होगा अवमानना का आरोप

(फाइल फोटो )

पूर्व में जारी आदेश के बाद भी बीएएमएस छात्रों से वसूली गई बढ़ी हुई फीस नहीं लौटाने पर हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान हरिद्वार के प्रधानाचार्य डीएन शर्मा पर अवमानना का आरोप तय करने के लिए 24 मार्च की तिथि नियत की है। संस्थान को बीएएमएस छात्रों की लगभग 15 करोड़ रुपये की धनराशि लौटानी है। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। 

पिथौरागढ़ निवासी शुभम पंत सहित 25 छात्रों ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने बीएएमएस की फीस 80 हजार से बढ़ाकर दो लाख 15 हजार रुपये कर दी थी। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस शासनादेश को खारिज करते हुए संस्थानों को आदेश दिए थे कि वह विद्यार्थियों से वसूल की गई बढ़ी हुई फीस उन्हें लौटाए लेकिन संस्थान की ओर से फीस नहीं लौटाई गई।

संस्थान ने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कोर्ट से छह माह की मोहलत मांगी, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ में मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तिथि नियत करते हुए कहा है कि उस दिन पतंजलि आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान हरिद्वार के प्रधानाचार्य डीएन शर्मा पर अवमानना के आरोप तय किए जाएंगे।

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