( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून । उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने नेतृत्व में लाडे गए 2017 के विधानसभा चुनाव में मिली कांग्रेस की करारी हार आज भी हरीश रावत का पीछा नहीं छोड़ रही है। 2017 के चुनाव में कांग्रेस को 59 सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा था ,और मात्र 11 सीटों पर कांग्रेस सिमट कर रह गई थी । जिसकी जिम्मेदारी हरीश रावत ने लेते हुए बड़ा बयान सोशल मिडिया के माध्यम से दिया है ।
गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हरीश रावत के नेतृत्व में चुनाव लड़ी थी तब हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे। जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने उस समय ले ली थी। लेकिन कोंग्रेसियो ने गुटबाजी के कारण उनके कोंग्रेसी मित्र गाहे-बगाहे याद दिलाते रहते है। जिसका जिक्र उन्होंने अपने सोशल मिडिया पर किया है ।
हरीश रावत ने कहा कि उन्हीं के मित्र इस बात को बार-बार दोहराते रहे हैं कि कांग्रेस की हार की वजह हरीश रावत है, लेकिन हाल ही में ”कर्णप्रयाग क्षेत्र से सूचना आयी है कि साल 2018 में थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव को हारने की वजह हरीश रावत की आम जनसभा थी।
अब मुझे उत्तराखंड में 60 सीटों की हार के लिए जिम्मेदार माना जाना चाहिए। इस नई खोज के लिए कांग्रेसजनों को खास कर चमोली के भाइयो को बहुत धन्यवाद देता हूं’।’ उन्होंने ये बयान अपने ट्विटर अकाउंट, फेसबुक पर पोस्ट किया है। ये कोई पहला मामला नहीं है जब हरदा को 2017 की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, इससे पहले ही भी कई बार कांग्रेसी नेता सार्वजनिक मंच पर हार का ठीकरा उनके सर फोड़ चुके हैं, लेकिन हर बार उन्होंने कार्यकर्ताओं के सामने अपना दर्द बंया किया है। हालांकि, हरदा के इस ट्वीट और फेसबुक से एक बात तो साफ हो गयी है ,शायद कांग्रेसियों ने अभी भी 2017 की हार से कोई सबक नहीं लिया है। कांग्रेस में अभी भी 2017 की तरह ही गुटबाजी आज भी देखने को मिल रही है।