( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
कानपुर / उज्जैन। कानपूर शूटआउट का मुख्य आरोपी गैंगेस्टर विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन पुलिस ने मंदिर के गार्ड की सुचना पर उसे गिरफ्तार किया है। यहाँ बड़ा सवाल यह है कि आखिर कानपुर से उज्जैन विकास दुबे पंहुचा कैसे ? इस मामले में कुछ न्यूज़ चैनल्स ने जानकारों के हवाले से पहले उसके लोकेशन की जानकारी दी थी। चैनल्स के अनुसार औरैया की आखिरी लोकेशन के मुताविक गैंगेस्टर विकास दुबे इटावा के रास्ते चंबल के बीहड़ों में उतर चुका था , बीहड़ के आगरा सेंटर से वह एमपी या राजस्थान भी भाग सकता है। इस सेंटर से एमपी या राजस्थान भागने में सिर्फ 30 मिनट लगते हैं। यूपी पुलिस के रिटायर्ड एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताते हैं, इटावा के रास्ते से चंबल के बीहड़ शुरु हो जाते हैं। हाइवे को इस्तेमाल किए बिना बीहड़ के रास्तों से होते हुए आराम से आगरा पहुंचा जा सकता है। बीहड़ में आगरा सेंटर पर बाह-पिनहाट ऐसी जगह हैं जहां से 30 मिनट में यूपी का बॉर्डर पार कर एमपी और राजस्थान में दाखिल हुआ जा सकता है। यह वो रास्ते हैं जहां पुलिस की कोई चेकिंग भी नहीं होती है। इन रास्तों पर आप अपनी गाड़ी भी ले जा सकते हैं।
बीहड़ के आगरा सेंटर का इस तरह फायदा उठाते हैं क्रिमिनल
रिटायर्ड वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताते है कि कुख्यात अपराधियों के मामले में अक्सर देखा गया है कि सेटिंग के चलते दो स्टेट की पुलिस में कोऑर्डिनेशन बनना मुश्किल हो जाता है या फिर दूसरे स्टेट की पुलिस दिखावे के लिए अपने यहां सर्च ऑपरेशन चलाती है, लेकिन अपराधी उसके यहां छिपा बैठा रहता है। बीहड़ के कितने ही बागी इस झोल का फायदा उठाकर आतंक का खूनी खेल खेलते रहे हैं। दूसरी बात यह भी है कि बारिश के मौसम में चंबल नदी में पानी आ जाता है। बारिश के चलते हरियाली भी उग आती है, ऐसे में अगर चंबल की किसी टेकरी के पास से 10 ट्रक भी गुज़र जाएं तो यह पता लगाना मुश्किल हो जाएगा कि टेकरी के पीछे कौन छिपा बैठा है।