( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग आपको कभी नोटिस दे सकता है ,पर अगर अपने पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान अपने बैंक अकाउंट में कोई ऐसी बड़ी रकम ट्रांसफर की तो ,जिसकी सोर्स के बारे में आप जानकारी नहीं रखते है या आपने अपने रिटर्न में उसकी जानकारी नहीं दी है। अगर ऐसा है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस बारे में पता लगा लेता है तो आपको मोटा टैक्स देना पड़ सकता है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 69A के तहत, अगर कोई व्यक्ति पैसे, सोना, ज्वेलरी या अन्य कीमती चीजों का मालिक पाया जाता है और इसका रिकॉर्ड उस व्यक्ति के पास नहीं या वो इसके सोर्स के बारे में जानकारी नहीं दे रहा है तो इसे टैक्सपेयर के इनकम के तौर पर माना जायेगा और उन्हें इसपर टैक्स देना होगा। अगर इनकम टैक्स एसेस करने वाला अधिकारी आपके किसी संपत्ति से जुड़े सवाल से संतुष्ट नहीं है तो भी उस रकम को इनकम ही माना जाएगा और इसपर टैक्स देय होगा।
क्या है टैक्स कटौती का नियम
इस तरह के अस्पष्टीकृत रकम पर 83.25 फीसदी की उच्च दर से टैक्स लगता है, इस 83.25 फीसदी में 60 फीसदी टैक्स, 25 फीसदी सरचार्ज और 6 फीसदी पेनाल्टी होता है। हालांकि, कैश क्रेडिट को रिटर्न ऑफ इनकम में शामिल किया गया है और इसपर टैक्स दे दिया गया है तो 6 फीसदी की पेनाल्टी नहीं देनी होगी।
इस कैश क्रेडिट पर भी देना होगा मोटा टैक्स
पैसे, गोल्ड और अन्य कीमती वस्तुओं के अलावा अगर टैक्सपेयर के बैंक अकाउंट में कोई कैश क्रेडिट हुआ और वो इसके सोर्स या नेचर का स्पष्टीकरण नहीं देते हैं या टैक्स अथॉरिटी स्पष्टीकारण से संतुष्ट नहीं है तो इस पर भी मोटा टैक्स देना होगा। इस तरह एंट्री को ‘Unexplained Cash Credit’ यानी अस्पष्टीकृत नकदी क्रेडिट माना जाएगा और इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 68 के तहत इसपर टैक्स देना पड़ेगा।