Haridwar Uncategorized

जलधाराओं एवं नदियों में ह्ास हो रही मत्स्य सम्पदा के संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ-साथ जलीय पर्यावरण भी सन्तुलित करने के लिए आखिर DM Haridwar ने क्या किया ? जाने

Spread the love

* DM ने जनपदवासियों से नदी एवं जलधाराओं को स्वच्छ रखने एवं जलीय पर्यावरण को सन्तुलित बनाने में अपना सहयोग प्रदान करने की अपील की।

(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार। नदियों एवं जलधाराओं में विद्यमान मत्स्य सम्पदा के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु मत्स्य विभाग हरिद्वार द्वारा जलाशयों का विकास योजना अन्तर्गत मत्स्य बीज संचय कार्यक्रम के अंतर्गत आज जिलाधिकारी  सी रविशंकर एवं मुख्य विकास अधिकारी विनीत तोमर ने हरकी पैडी ब्रह्मकुण्ड क्षेत्र में गंगा जलधारा में रोहू, कतला, नैन, काॅर्प प्रजाति का एक लाख मत्स्य बीज संचित किया।

जिलाधिकारी ने कहा कि मत्स्य बीज संचय किये जाने से जलधाराओं एवं नदियों में ह्ास हो रही मत्स्य सम्पदा के संरक्षण एवं संवर्द्धन के साथ-साथ जलीय पर्यावरण भी सन्तुलित रहेगा। उन्होंने जनपदवासियों से नदी एवं जलधाराओं को स्वच्छ रखने एवं जलीय पर्यावरण को सन्तुलित बनाने में अपना सहयोग प्रदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सभी विभाग राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें।

सहायक निदेशक मत्स्य अनिल कुमार ने मत्स्य पालकों के लिए चलाई जा विभिन्न योजनाओं की जानकारी जिलाधिकारी को देते हुए बताया कि जनपद में वर्तमान में औसतन 1000 टन प्रतिवर्ष मत्स्य उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज जो एक लाख मत्स्य बीज गंगा जलधारा में संचित किया गया है, वह जनपद के मत्स्य पालकों से ही प्राप्त किया गया है। कार्यक्रम में श्री गंगा सभा समिति हरिद्वार एवं अंजनी फाउंडेशन द्वारा भी सहयोग किया गया।

इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव, सहायक निदेशक डेयरी विकास पीयूष आर्या,श्री  गंगा सभा समिति के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, सहायक गन्ना विकास अधिकारी शैलेन्द्र नेगी, ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक जयप्रकाश, यू.पी. सिंह सहित मत्स्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *