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कंगना रनौत को मिल सकती है वाई से जेड श्रेणी की सुरक्षा। आखिर क्यों ? जानने के लिए टैब करे 

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(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार और कंगना रनौत के जुबानी जंग के बाद बीएमसी द्वारा कंगना के ऑफिस तोड़े जाने बीच कंगना  पहुंचने  उन  हमले का खतरा बढ़।  इंटेलिजेंस एजेंसियो  बाबत केंद्र सरकार को अवगत करा  दिया है। जिसमे चंडीगढ़ और मुंबई एयरपोर्ट से लेकर कई दूसरी जगहों का जिक्र किया गया है। कंगना के पास इस समय वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा है। सूत्रों के अनुसार, मुंबई पुलिस का पर्याप्त सहयोग नहीं मिलता है, तो इस बारे में कंगना को वाई प्लस सुरक्षा घेरा प्रदान कर रही सीआरपीएफ कमांडो की टीम केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित करेगी। अभी दो कमांडो 24 घंटे कंगना की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। इनमें एक सिविल ड्रेस में और दूसरा वर्दी में है। दोनों के पास हथियार होते हैं।


वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा वाले व्यक्ति को करीब 15 सुरक्षा कर्मी मिलते हैं। ये तीन शिफ्ट में ड्यूटी देते हैं। घर और दफ्तर पर भी सुरक्षा घेरा रहता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय को आईबी या सीआरपीएफ से जब ऐसी रिपोर्ट मिलती है कि जिसमें कंगना की सुरक्षा को खतरा बताया गया है तो मंत्रालय उसका सुरक्षा घेरा अपडेट करने पर विचार कर सकता है। यानी उसे वाई प्लस से जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जा सकती है।सूत्रों का कहना है कि यदि कोई राज्य वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा वाले व्यक्ति को स्थानीय स्तर पर सुरक्षा देने में आनाकानी करता है या लापरवाही बरतता है तो उस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय संबंधित राज्य से सहयोग देने का आग्रह कर सकता है। आईबी की रिपोर्ट पर संबंधित व्यक्ति का सुरक्षा घेरा बढ़ाया जा सकता है।


कंगना ने बुधवार को मुंबई पहुंचते ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। कंगना ने ट्वीट करते हुए कहा कि, आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा। अभिनेत्री के मुंबई पहुंचने से पहले ही बीएसमी ने बांद्रा स्थित उनके बंगले में अवैध निर्माण को गिरा दिया था। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि कंगना अब अगले कई दिनों तक मुंबई में रहेंगी, ऐसे में उनके लिए स्थानीय पुलिस की भूमिका अहम होगी। उनके लिए स्थानीय सुरक्षा घेरा तैयार करने और यातायात रूट आदि क्लीयर करना, ये सब मुंबई पुलिस के हाथ में रहेगा। स्थानीय खुफिया जानकारी के लिए भी मुंबई पुलिस की मदद लेनी होगी।  

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