* डेढ़ किलो चरस के साथ एक और गिरफ्तार ,छह किलो चरस बरामद * व्यापक जन जागरुकता अभियान की जरुरत है।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
बागेश्वर। बागेश्वर जिले का कपकोट इलाका काले सोने की तस्करी का प्रमुख गढ़ बनकर सामने आया है। क्योकि आये दिन बागेश्वर पुलिस द्वारा पकडे जा रहे अपराधियों के तार कपकोट से ही जुड़ते नज़र आ रहे है। पुलिस के द्वारा पकड़े गए चरस तस्करों का तार कपकोट से ही जुड़ा है। बीते बुधवार को साढ़े छह किलो चरस की खेप पकड़ी थी। फिर एक बार डेढ़ किलो चरस के साथ एक आरोपित गिरफ्तार हुआ है।
यह सब हो सका है वहां पुलिस अधीक्षक बनकर गए मणिकांत मिश्रा की बजह से। जिन्होंने बागेश्वर की कमान संभालते ही तस्करो के खिलाफ एक मुहीम सी छेड़ दी है। जिससे अभीतक कई मादक पदार्थ तस्कर पकडे गए है। उसी कड़ी में शुक्रवार को कपकोट पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाया हुआ था। इस दौरान गडेरा तिराहे पर वाहन संख्या यूके02टीए-2013 को रोका। उसमें वाहन चालक खीम पाल सिंह पुत्र हीरा सिंह निवासी बोरबलड़ा, कपकोट उम्र 30 वर्ष की चेकिंग की गई। उसके पास एक किलो 567 ग्राम चरस बरामद हुई। आरोपित पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा बताया कि पकड़ी गई चरस की कीमत डेढ लाख रुपए है। आरोपित चरस को बागेश्वर मुख्यालय किसी को बेचने के लिए ले जा रहा था। पूरे मामले की जांच की जा रही है। आरोपित से पूछताछ जारी है। जल्द ही अन्य आरोपित भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। उन्होंने बताया कि आगे भी अभियान जारी रहेगा। उन्होंने आम लोगों से नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सहयोग करने की अपील की है।
युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहा चरस
नशे की लत के साथ जल्दी पैसा कमाने और अपने महंगे शौक पूरा करने के लिए अधिकतर युवा चरस के कारोबार में आकर अपना भविष्य बर्बाद करने में लगे है। एक साल में 39 किलो चरस पकड़ी गई। करीब 24 से अधिक लोग पकड़े जा चुके है। जिनमें से अधिकतर पकड़े जाने वाले लोगों की उम्र 20 से 35 साल के बीच की है।
व्यापक जन जागरुकता अभियान की जरुरत
पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि चंद तस्करों को पकड़ने से नशे का कारोबार रुकने वाला नही है। व्यापक जन जागरुकता अभियान की जरुरत है। उन ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को साथ लेना होगा जहां इसका उत्पादन हो रहा है। इसके कारणों को जानना होगा। युवाओं के भविष्य का सवाल है।