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नरेन्द्र मोदी ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की 50 मेगावाट की कासरगॉड सौर विद्युत परियोजना राष्ट्र को किया समर्पित। आखिर कैसे ? टैब कर जाने 

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( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
ऋषिकेश। 
प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी ने 19 फरवरी, 2021 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 50 मेगावाट की कासरगॉड सौर विद्युत परियोजना का लोकार्पण किया । यह परियोजना टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) के द्वारा कार्यान्वित की गई पहली सौर विद्युत परियोजना है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड भारत सरकार का मिनी रत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है ।  
केरल के राज्यपाल, आरिफ मौहम्मद खान, मुख्यमंत्री, पिनारयी विजयन, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) (विद्युत एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा) एवं राज्यमंत्री (कौशल विकास एवं उद्यमिता), भारत सरकार, आर.के.सिंह, केंद्रीय मंत्री, आवास एवं शहरी मामले (स्वतंत्र प्रभार), नागरिक उड्डयन (स्वतंत्र प्रभार), हरदीप सिंह पुरी, बिजली मंत्री, केरल सरकार, एम.एम.मणि, सांसद- लोकसभा शशि थरूर  और आलोक कुमार, सचिव (विद्युत ) भारत सरकार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समारोह में उपस्थित हुए। विधायक, मंजेश्वरम, एम.एम.कमरुद्दीन समारोह में परियोजना स्थल से शामिल हुए ।


टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, डी.वी.सिंह, टीएचडीसीआईएल के निदेशक (वित्त),  जे.बेहेरा, टीएचडीसीआईएल के निदेशक(तकनीकी), आर.के विश्नोई, आगस्टिन थोमस, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आरपीसीकेएल और अनेक गणमान्य व्यक्ति केरल के कासरगॉड में परियोजना स्थल से लोकार्पण समारोह में उपस्थित हुए।      
यह उल्लेखनीय है कि इस समय विश्व में अधिकांश अवसंरचनात्मक परियोजनाएं कोविड-19 महामारी से बूरी तरह प्रभावित हुई है इसके बावजूद इस परियोजना की कमीशनिंग अपनी समय-सूची से एक माह पूर्व हुई है ।
कासरगॉड सौर पार्क में अपनी पहली 50 मेगावाट की सौर फोटोवोल्टिक पीवी विद्युत परियोजना के विकास के साथ टीएचडीसी केरल सरकार के 105 मेगावाट की क्षमता के सौर विद्युत कार्यक्रम में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है । परियोजना का विकास केरल राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड के द्वारा उपलब्ध कराई गई 250 एकड भूमि पर विकसित की गई है जो कि केरल के कासरगॉड जिले के पाइवालाइक, मीनजा एवं छिप्पार गांवों में फैली हुई है । यह केंद्र सरकार के लगभग 280 करोड़ रु. के निवेश से तैयार की गई है । परियेाजना का क्षमता उपयोग कारक नवाचारी डिजाइन के माध्यम से शुरूआती 19 प्रतिशत से अपग्रेड कर 23 प्रतिशत कर दिया गया था जिसमें उच्चतर वॉट क्षमता के साथ अधिक पीवी पैनल संस्थापित किए गए थे । इससे डीसी क्षमता को 30 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सका । परियोजना में 165149 मल्टी क्रिस्टिलाइन सौर पीवी मॉडयूल हैं जो स्वच्छ ऊर्जा के रूप में 100.56 मिलियन यूनिट का उत्पादन कर रही हैं । इससे 3.10 रु. प्रति यूनिट की प्रशुल्क दर पर विशेषत: केरल राज्य की विद्युत आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा जिसके लिए टीएचडीसी और केएसईबी के मध्य विद्युत क्रय करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं ।
टीएचडीसीआईएल भारत की अग्रणी विद्युत उत्पादन कंपनियों में से एक है । यह जल विद्युत एवं पवन विद्युत क्षेत्र में पहले से ही विद्युत उत्पादन कर रही है तथा इसकी कुल प्रचालनीय उत्पादन क्षमता 1587 मेगावाट है । इसने भारत में सौर विद्युत विकास में अग्रणी भूमिका निभाने की दृष्टि से सौर विद्युत परियोजनाओं में सफलतापूर्वक व्यापार विकास की शुरूआत की है ।   

    

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