(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नई दिल्ली। निर्भया के चारो दोषियों को फांसी एक साथ होगी या अलग -अलग इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 5 मार्च तक टाल दी है। आपको बता दें कि अब इस मामले में सिर्फ दोषी पवन के पास ही दो कानूनी विकल्प बचे हैं, जबकि मुकेश, विनय और अक्षय के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। सभी दोषियों की फांसी के लिए तीन मार्च सुबह छह बजे का वक्त तय है। धीरे-धीरे अब दोषियों के बचने के सभी रास्ते बंद होते दिख रहे हैं। इस केस में दोषियों के वकील एपी सिंह शुरू से ही कुछ न कुछ अड़चने डालते रहे हैं। 2015 में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री में एपी सिंह ने कुछ ऐसी बातें कही थीं जिससे पूरे देश में आक्रोश छा गया था। जानिए लेसली उड्विन निर्मित उस डॉक्यूमेंट्री में दोषियों के वकील एपी सिंह ने क्या कहा था और उस पर निर्भया की मां क्या जवाब था….
बेटी ऐसा कुछ करती है तो पेट्रोल छिड़क कर जला दूंगा
डॉक्यूमेंट्री में अभियुक्तों के वकीलों का भी साक्षात्कार लिया गया था। इससे पहले प्रसारित टीवी इंटरव्यू में वकील एपी सिंह ने कहा था, ‘अगर मेरी बेटी या बहन शादी से पहले किसी के साथ संबंध रखती है या ऐसा कोई काम करती है जिससे उसके चरित्र पर आंच आती है तो मैं उसे अपने फार्महाउस ले जाकर पेट्रोल छिड़ककर पूरे परिवार के सामने जला दूंगा।’ डॉक्यूमेंट्री में भी वकील एपी सिंह ने दोहराया कि वे अपनी बात पर कायम हैं।
दूसरे वकील ने कहा- हमारी सभ्यता में महिला की कोई जगह नहीं है
दोषियों के दूसरे वकील एमएल शर्मा ने कहा – ‘हमारे समाज में लड़कियों को किसी अनजान व्यक्ति के साथ शाम 7:30 या 8:30 बजे के बाद घर से बाहर नहीं निकलती हैं, और आप लड़के और लड़की की दोस्ती की बात करती हैं? सॉरी, हमारे समाज में ऐसा नहीं होता है। हमारा कल्चर बेस्ट है। हमारे कल्चर में महिला की कोई जगह नहीं है।’
आखिर क्यों सिर्फ लड़कियां ही दोषी
अपनी बेटी खोने वाली ‘निर्भया’ की मां ने उस डॉक्यूमेंट्री में कहा था कि, ‘जब भी कोई अपराध होता है तो उसके लिए लड़की को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है। उसे बाहर नहीं जाना चाहिए था, घूमना नहीं चाहिए था, ऐसे कपड़े नहीं पहनने चाहिए थे। लड़कों से पूछना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।’
डॉक्यूमेंट्री की निर्देशक और निर्माता लेसली उड्विन ने बताया कि क्यों उन्होंने इस घटना को चुना
उन्होंने कहा, ‘दिसंबर 2012 में जब टीवी पर ये खबर दिखाई गई तो मैं स्तब्ध रह गई मुझे नहीं याद पड़ता कि किसी और देश में महिलाओं के अधिकारों के लिए इतनी बड़ी लड़ाई लड़ी गई हो।’