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तीरथ सरकार के 100 दिनों की असफलता पर आप कार्यकर्ताओ ने उत्तराखण्ड की 70 विधानसभाओं में  किया  प्रदर्शन। आखिर क्यों ? Tap कर जाने 

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 * “तीरथ सरकार 100 दिन बेकार”  उत्तराखंड की जनता के साथ फिर छलावा: आप  
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
हरिद्वार।
आम आदमी पार्टी द्वारा तीरथ सरकार के आज  100 दिनों के कार्यकाल   पूरे होने पर जमकर आरोप लगाए। आप कार्यकर्ता भगत सिंह चौक पर एकत्रित हुए और विरोध प्रदर्शन किया इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष हेमा भण्डारी ने कहा  तीरथ सरकार के 100 दिन हताशा  और निराशाजनक रहे है इन 100 दिनों में केवल चेहरा बदला नाम वही है । महाकुंभ के दौरान कोविड जाँच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आता है और दोनों TSR  एक दूसरे के कार्यकाल का मामला बताकर पल्ला झाड़ने में लगे है। डबल इंजन की सरकार हर मोर्चे पर फैल साबित हुई है। चारधाम यात्रा हो या व्यपारियो को राहत का  एलान  सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागती नजर आयी है। बीजेपी सरकार में हर वर्ग अपने को उपेक्षित महसूस कर रहा है । तीरथ सिंह रावत के 100 दिन का कार्यकाल निराशा जनक रहा है। बीजेपी अपने कार्यकाल की उल्टी गिनती गिन रही है।कहा,प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जी का अब तक का कार्यकाल असफल साबित हुआ।
जिला सचिव अनिल सती ने कहा की  10 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के बीच में त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर भाजपा ने जब तीरथ सिंह रावत को नया मुख्यमंत्री घोषित किया तो हर कोई हैरान था कि आखिर स्थायी सरकार का वादा करने के बाद भाजपा ने नेतृत्व परिवर्तन क्यों किया।


लेकिन बीजेपी ने नेतृत्व परिवर्तन को  राज्य हित में बताया  लेकिन  कोरोना के खिलाफ लड़ाई हो, अस्पतालों को बेहतर बनाने की बात हो, रोजगार का मुद्दा हो, महंगाई हो, बिजली-पानी हो, विकास के काम हों, हर मोर्चे पर तीरथ सरकार अपने इस कार्यकाल में बुरी तरह फेल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि
 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत  ने शपथ लेते कहा था वो, प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। लेकिन आज 100 दिन बाद भी वो प्रदेश की जनता का विश्वास नहीं जीत पाए।प्रदेश में कहीं भी नेतृत्व परिवर्तन का असर दिखाई नहीं दे रहा है बल्कि जो अराजकता और नाकामी त्रिवेंद्र राज में मौजूद थी , तीरथ राज में वो कई गुना ज्यादा बढ़ गई है।अस्पतालों की जो बदहाली त्रिवेंद्र राज में थी, तीरथ राज में वो और भी ज्यादा बढ़ गई है। जो निराशा त्रिवेंद्र राज में थी, तीरथ राज में वो और भी बढ़ गई है।बात चाहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े फैसले लेने की हो, रोजगार को लेकर उम्मीद जगाने की हो, विकास की दृष्टि दिखाने की हो, हर मोर्चे पर, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इन 100 दिनों में प्रदेश वासियों को निराश किया है। कोरोनाकाल में सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई हरिद्वार में बड़े स्तर पर, कुंभ में एंटीजन टेस्ट घोटाला हुआ,केंद्र से राज्यवासियों को वैक्सीन दिलाने में नाकाम साबित हुए,50 लाख युवाओं की जान से खिलवाड़ जिनको लंबे समय तक टीकाकरण नहीं उपलब्ध करा पाए ,तीसरी लहर के मद्देनजर सरकार अभी तक कोई रोडमैप तैयार नहीं कर पाई।वेंटिलेटर,ऑक्सीजन और डॉक्टरों की कमी के चलते कोरोना की दूसरी लहर में कई लोगों ने जान गवाईं जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से तीरथ सरकार की है। इसके अलावा बेरोजगार सड़कों पर रोजगार के लिए प्रदर्शन करते रहे, पर तीर्थ पुरोहित आंदोलन को मजबूर है ।

पहले चार साल तक भाजपा ने प्रदेश की जनता पर त्रिवेंद्र सिंह रावत के रूप में एक ‘जीरो वर्क’ सीएम को थोपा और उनकी विदाई के बाद ‘जीरो विजन’ वाले तीरथ सिंह रावत को कमाम दे दी। इन 100 दिनों में ही तीरथ सिंह रावत ने त्रिवेंद्र राज के नाकामी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।   कार्यकर्ताओ ने  सभी 70 विधानसभाओं में विरोध प्रदर्शन कर सरकार की नाकामी को जनता तक पहुँचाएंगे।
इस अवसर पर हेमा भण्डारी , अनिल सती, तनुज शर्मा, अर्जून सिंह, शिशुपाल सिंह नेगी , संजू नारंग ,  राकेश यादव , गीता देवी  , दिनेश कुमार, दिलीप सिंह रावत, शिवम रावत हिमांशु बिष्ट, अनमोल सिंह नेगी , सौरभ,  देवेंद्र सिंह, रेणु देवी, भरत गिरी, विकसित त्यागी , भरत गिरी मौजूद  रहे।

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