(ब्यूरो ,न्यूज 1 हिन्दुस्तान )
सीकर । अगर कोई काम कर गुजरने की तमन्ना हो तो कुछ भी किया जा सकता है।जिसका एक जीता जागता उदाहरण मांझी था जिसने पूरा पहाड़ काट डाला था तो दूसरा राजस्थान के सीकर गांव में क्वारंटाइन किए गए मजदूर है।जिन्होंने पूरे स्कूल की क्वारंटाइन दिनों में काया ही पलट डाली। जी हां , आपको विश्वास नहीं हो रहा है ना।पर यह सच्चाई है।
जानकारी के अनुसार राजस्थान के सीकर में एक गांव के प्राथमिक स्कूल में गुजरात,मध्य प्रदेश आदि जगहों से आए मजदूरों को क्वारंटाइन किया गया था। इस बीच उन मजदूरों ने देखा कि लगभग दो दशक से स्कूल की पुताई और साफ सफाई नहीं हुई है ।तब उन मजदूरों ने गांव के सरपंच के सामने स्कूल कि सफाई और पुताई का प्रस्ताव रखा और कहा कि आप सिर्फ समान उपलब्ध करवा दे।फिर क्या कहाना, सरपंच ने तुरन्त पेंट,चुना ब्रश इत्यादि का इंतजाम करवाया और मजदूरों ने अपने क्वारंटाइन दिनों के दौरान पूरे स्कूल की शक्ल ही बदल डाली। इस दौरान उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखा गया। इतना ही नहीं इस पूरे कार्य का उन मजदूरों ने मजदूरी के रूप में एक नया पैसा भी नहीं लिया। बल्कि उन्होंने सरपंच से उल्टा कहा कि अपने हमारे क्वारंटाइन के समय मुफ्त में खाना खिलाया तो हमारा भी कुछ फ़र्ज़ बनता है। लिहाजा हमने स्कूल की तस्वीर बदल दी, इसी बहाने आप हमें याद रखना।