( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। हरिद्वार में एक अप्रैल से कुम्भ मेले का आयोजन होगा और कोरोना महामारी को देखते हुए इसकी अवधि 28 दिनों तक सिमित रखने का निर्णय किया गया है। यह जानकारी उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दी। उन्होंने कहा कि निर्णय करने से पहले हरिद्वार के संतों को विश्वास में लिया गया। कुंभ के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का श्रद्धालुओं को कड़ाई से पालन करना होगा। एसओपी के मुताबिक, श्रद्धालुओं को तभी कुंभ में शामिल होने की अनुमति होगी अगर वे कोरोना वायरस की निगेटिव रिपोर्ट पेश करेंगे जो उनके पहुंचने के 72 घंटे से पहले जारी नहीं की गई हो। रावत ने कहा कि इस बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी होगी। पहली बार कुंभ इतने कम समय के लिए आयोजित हो रहा है। इससे पहले कुंभ चार महीने से अधिक समय तक चलता था। तीन शाही स्नान एक अप्रैल से 28 अप्रैल के बीच होंगे। पहला शाही स्नान 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या), दूसरा 14 अप्रैल (बैसाखी) और तीसरा 27 अप्रैल (पूर्णिमा) को होगा।
मुख्य स्नान के दिन किसी भी वीआईपी को हरिद्वार आने की अनुमति नहीं
डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, चण्डीगढ़, जम्मू-कश्मीर के साथ ही एनआईए, आईबी, रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारियों की साझा बैठक हुई। इस बैठक में भीड़ को पूरी तरह से नियंत्रित रखने के लिए विशेष पलान तैयार किया गया। बैठक में तय हुआ कि मुख्य स्नान के दिन किसी भी वीआईपी को हरिद्वार आने की अनुमति नहीं होगी। यदि वीआईपी बिना प्रोटोकॉल सामान्य यात्री के तौर पर स्नान के लिए आना चाहें तो आ सकते हैं. बैठक के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि इस बार पुलिस भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन के साथ-साथ ऑर्टिफीशियल इंटेलीजेंस टूल का भी उपयोग कर रही है। वहीं, कल खबर सामने आई थी कि हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने एक संयुक्त रोडमैप तैयार किया है. सुरक्षा व्यवस्था, ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन को लेकर शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में उत्तराखंड के साथ ही कई राज्यों के अधिकारियों ने मंथन किया। बैठक में यह तय हुआ कि हरिद्वार कुंभ में मुख्य स्नान के दिन वीआईपी दौरे की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही सभी राज्यों की पुलिस कोविड गाइडलाइन का भी व्यापक प्रचार प्रसार करेगी। श्रद्धालुओं को मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंस मेंटेन रखना अनिवार्य होगा।