( योगेश कुमार शर्मा )
हरिद्वार। हरिद्वार में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर ट्रैफिक पुलिस लगातार विचार करती रहती है कि लोगो को किसी भी प्रकार की कोई जाम संबधित कोई अन्य समस्या न हो इसी के चलते 6 तारीख को अमावस्या के दिन हरिद्वार में काफी भारी संख्या में बहार से यात्री घूमने आए थे। इसी को लेकर ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर अखलेश कुमार अपने जवानों के साथ रोड पर निकले थे कि कहि कोई जाम की स्थिति पैदा न हो ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहे और किसी भी व्यक्ति को आने जाने में कोई समस्या न हो। अखलेश कुमार जब यातायात की व्यवस्था को निरक्षण कर रहे थे तो चण्डी चौक से शांतिकुंज की तरफ गए। जब कुछ देर बाद इंस्पेक्टर अखलेश कुमार उधर से अपने जवानों के साथ वापस चंडी घाट चौक के लिए लौट रहे थे तभी ट्रैफिक इंस्पेक्टर अखलेश कुमार जैसे ही जयराम मोड़ के पास पहुँचे तो उनको सड़क पर एक पर्स गिरा हुआ दिखाई दिया। तभी अखलेश कुमार ने अपनी गाड़ी को एक साइड में रुकवाया ओर पर्स को उठाया पर्स में कुछ पैसे व जरूरी कागजात भी थे और एटीएम कार्ड भी थे। अखलेश कुमार ने अपने जवानों के साथ पर्स को हर प्रकार से चैक किया कि शायद कोई मोबाइल नम्बर मिल जाये। काफी मेहनत और प्रयास के बाद इंस्पेक्टर अखलेश कुमार को सफलता हाथ लगी उनको एक कागज पर एक मोबाइल नम्बर मिला। ट्रैफिक इंस्पेक्टर अखलेश कुमार ने बिल्कुल भी देरी न करते हुए। उस नम्बर पर कॉल की उस नम्बर पर बात करने वाले कि पहचान डॉक्टर विवेक कुमार नेहरू कॉलोनी देहरादून के रूप में हुई। विवेक कुमार कैलास हॉस्पिटल में डॉक्टर है इंस्पेक्टर अखलेश कुमार ने उनसे पूछा कि आपका कोई पर्स कहि गिरा है। क्या डॉक्टर साहब ने कहा जी हा मेरा पर्स कहि गिर गया है ओर में बहुत देर से अपने पर्स ढूढ रहा हु ओर में बहुत परेशान हु ? क्योकि उसमे मेरे बहुत जरूरी कागजात ओर एटीएम कार्ड है।
अखलेश कुमार ने उनको फोन पर बताया की आप परेशान न हो आपका पर्स हमे मिला है। आप चण्डी चौक आइये हम लोग वही आ रहे है फिर कुछ देर बाद इंस्पेक्टर अखलेश कुमार अपने जवानों के साथ चण्डी चौक पहुँचे ओर वहाँ पहले से ही खड़े डॉक्टर साहब विवेक कुमार जी इन्स्पेक्टर अखलेश कुमार का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही इंस्पेक्टर अखलेश कुमार चण्डी चौक पर पहुँचे तो उन्होंने डॉक्टर विवेक कुमार से मुलाकात की ओर उनसे बड़ी नम्रता के साथ उनसे उनके पर्स की जानकारी ली कि इसमें आपके क्या क्या कागजात है। पैसे कितने है एटीएम कार्ड कौन कौन से बैंक के है हर प्रकार से उनसे संतुष्टि की गयी कि पर्स आपका है या किसी ओर का सब कुछ पूछने के बाद पर्स डॉक्टर विवेक कुमार जी का है साबित हुआ उसके बाद उनको पर्स वापस लौटा दिया गया।
डॉक्टर विवेक कुमार ने बताया कि में अपने पारिवार के साथ अपने किसी जरूरी काम से देहरादून से आया था इसी बीच हरिद्वार में आते हुए मेरा पर्स कहि गिर गया था जिससे में बहुत परेशान उदास था क्योंकि उसमें मेरे बहुत जरूरी कागजात थे जब टैफिक इंसपेक्टर अखलेश कुमार व उनके जवानों दुआरा पर्स को लौटाया गया तो डॉक्टर विवेक कुमार के चेहरे पर मुस्कान थी और बहुत खुश थे डॉक्टर विवेक कुमार ने अपने बारे में बताया कि में एक डॉक्टर हु ओर देहरादून कैलास हॉस्पिटल में हु उन्होंने ट्रैफिक पुलिस व इंसपेक्टर अखलेश कुमार व उनके सिपाही की जमकर तारीफ की ओर ट्रैफिक पुलिस की भूरी भूरी प्रसंसा की है।