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वीर सावरकर के नाम की दिव्य ज्योति जे एन यू को देशद्रोही तत्वों से मुक्त करवाने की पहल के रूप में स्थापित हुई है । आखिर कैसे ? जाने

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* हिन्दू महासभा का आंदोलन रंग ला रहा है – स्वामी चक्रपाणि महाराज

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(ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
दिल्ली।
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक मार्ग का नाम हिन्दू महासभा के 16 वें पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर सावरकर के नाम पर रखा गया है – वी डी सावरकर मार्ग । सावरकर के नाम पर मार्ग नामकरण वामपंथी विचारधारा के अतिवादियों के लिए राष्ट्रवाद की एक ऐसी चुनौती कहा जा सकता है , जो निकट भविष्य में वामपंथ की अतिवादी विचारधारा को नेस्तनाबूद कर देगा । जे एन यू देशद्रोही तत्वों के लिए अपनी पहचान स्थापित कर चुका है । लेकिन वीर सावरकर के नाम की दिव्य ज्योति जे एन यू को देशद्रोही तत्वों से मुक्त करवाने की पहल के रूप में स्थापित हुई है । यह उद्गार अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने व्यक्त किए ।


      स्वामी चक्रपाणि महाराज ने आगे कहा कि हिन्दू महासभा लंबे समय से जे एन यू का नाम बदलकर वीर सावरकर विश्वविद्यालय करने की मांग करती रही है ।  मांग के समर्थन में समय समय पर धरना प्रदर्शन के माध्यम से हिन्दू महासभा आंदोलन करती रही है । कई बार मांग के समर्थन में केंद्र सरकार को ज्ञापन दिया गया । हिन्दू महासभा की मांग को पूर्ण रूप से न सही आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए जे एन यू के एक मार्ग का नामकरण वीर सावरकर के नाम पर किया गया ।
    वीर सावरकर के नाम पर मार्ग का नामकरण का स्वागत करते हुए हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी के शर्मा हनुमान  ने कहा कि जे एन यू के छात्र वीर सावरकर से देशभक्ति , राष्ट्रवाद और हिंदुत्व की प्रेरणा लेंगे , जो वामपंथ की अतिवादी और देशद्रोही विचारधारा के ताबूत में अंतिम कील सिद्ध होगा । उन्होंने अन्त में सकल्प दोहराया कि जे एन यू का नाम बदलकर वीर सावरकर के नाम पर रखने का आंदोलन जारी रखेगी। 

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