( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
लखनऊ। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के बढ़ते खतरे को हुए उत्तराखंड सरकार ने इस साल कावड़ यात्रा को रद्द कर दिया है। अब माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी कांवड़ा यात्रा को लेकर जल्द बड़ा फैसला ले सकती है। उत्तर प्रदेश प्रशासन कांवड़ यात्रा को लेकर कांवड़ संघों से बातचीत कर रहा है। माना जा रहा है कि कांवड़ संघ खुद यात्रा स्थगित करने का फैसला ले सकता है। बता दें कि 9 जुलाई को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ संघों से बातचीत करने का निर्देश दिया था। सीएम योगी ने कहा कि अधिकारी लोकल स्तर पर कांवड़ संघ से संवाद स्थापित कर पिछले साल की तरह निर्णय लेने का प्रयास करें। पिछले वर्ष भी प्रशासन से बातचीत के बाद कांवड़ संघ ने यात्रा स्थगित करने की घोषणा की थी। सीएम योगी ने कहा कि महामारी व्यक्ति की जाति चेहरा और मजहब नहीं देखता। एसीएस होम और डीजीपी को दूसरे राज्यों से संवाद स्थापित करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल
केंद्र ने कांवड़ यात्रा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल कर कहा है कि राज्य कांवड़ियों को हरिद्वार से ‘गंगा जल’ लाने की अनुमति ना दें। हालांकि धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकारों को अलग-अलग जगहों पर टैंकरों के जरिए ‘गंगा जल’ उपलब्ध कराया जाना चाहिए। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की।
वहीं यूपी सरकार की ओर से कोर्ट में पेश वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि हम प्रतीकात्मक यात्रा चाहते हैं। यूपी सरकार द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे को पढ़ते हुए वैद्यनाथन ने बताया कि यदि कोई यात्रा करना चाहता है, तो उसे अनुमति लेनी होगी। नेगेटिव RTPCR का टेस्ट, फुली वैक्सीनेटेड हो और सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य नियमों का पालन करना होगा।
नियमों का होगा सख्ती से पालन- स्वास्थ्य मंत्री
वहींउत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा है कि आगामी 25 जुलाई को राज्य में शुरू हो रही कांवड़ यात्रा में कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ-साथ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए जाने वाले दिशानिर्देशों का भी सख्ती से पालन किया जाएगा।