( ज्ञान प्रकाश पाण्डेय )
हरिद्वार। उत्तराखंड के शांत, खूबसूरत अल्मोड़ा के पहाड़ों में पली-बढ़ी एक साधारण-सी लड़की… लेकिन सपने बिल्कुल असाधारण।…………नाम— तृप्ति भट्ट IPS
जहाँ लोग एक सरकारी नौकरी के लिए सालों तक संघर्ष करते हैं और मिल जाए तो उसी में ज़िंदगी गुज़ार देते हैं, वहीं तृप्ति भट्ट ने एक नहीं… पूरी 16 सरकारी नौकरियाँ ठुकरा दीं। वजह?
क्योंकि उनका सपना सिर्फ नौकरी पाना नहीं, बल्कि देश की वर्दी पहन कर उसका कर्ज़ चुकाना था।
बेर्शेबा स्कूल, फिर केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई। इसके बाद पंतनगर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग।




कैंपस प्लेसमेंट में मारुति सुज़ुकी, टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों से ऑफर आए… पर तृप्ति ने मुस्कुराकर ‘ना’ कह दिया।
NTPC में असिस्टेंट मैनेजर बनीं—फिर भी दिल में एक ही आवाज़ गूँजती रही: “मुझे IPS बनना है!”
यहाँ तक कि ISRO में सैटेलाइट ऑफिसर की नौकरी का ऑफर भी आया… जिसे बहुत लोग सपनों की नौकरी मानते हैं।लेकिन तृप्ति ने फिर से वही किया—सपने को नौकरी पर भारी रखा।
साल 2013 में तृप्ति भट्ट ने UPSC की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में AIR 165 मिलकर IPS बनने का सपना साकार कर लिया।




उन्हें उत्तराखंड कैडर मिला—अपने ही पहाड़ों की सेवा करने का सौभाग्य।
तृप्ति भट्ट की सर्विस देहरादून से शुरू हुई।
फिर चमोली की एसपी बनीं और SDRF की कमांडर के रूप में, टिहरी जिले की पुलिस कप्तान के रूप में कमान संभाली। फिर देहरादून में SP Intelligence & Security के तौर पर सेवा दी।
आज वे हरिद्वार में कमाडेंट PAC एवं SP GRP के तौर पर अपनी शानदार सेवाएँ दे रही हैं।
फिटनेस और खेलों में भी तृप्ति किसी से कम नहीं—मैराथन में गोल्ड,राज्य स्तरीय बैडमिंटन चैंपियन
ताइक्वांडो और कराटे की प्रशिक्षित खिलाड़ी
* सलाम है तृप्ति भट्ट जैसे जज़्बे को!आप हम सबके लिए प्रेरणा हैं।






