( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
चमोली। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में भारतीय भाषा समिति, नई दिल्ली द्वारा पोषित भारतीय भाषा परिवार विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया साथ ही नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली द्वारा मुद्रित भारतीय भाषा समिति द्वारा संपादित, भारतीय भाषा परिवार विषयक दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
इस संगोष्ठी का उद्देश्य भारतीय भाषाओं को समृद्ध करने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सुझाए गए बुनियादी पहलुओं एवं जरूरी प्रयासों पर चर्चा करना तथा इनकी प्राप्ति हेतु समेकित प्रयास करना है।
कार्यक्रम के स्थानीय संयोजक प्रो अमित कुमार जायसवाल ने भारतीय भाषा पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्देश्यों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि संविधान में वर्णित सभी भाषाएं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उल्लिखित सभी बोलियां एवं मातृभाषाएं भारतीय भाषा परिवार का अंग हैं और ये सभी भाषाएं समान रूप में महत्व रखती हैं।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बोलियां और भाषाएं संरक्षित हो सकेंगी।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो एम पी नगवाल ने कहा कि गोपेश्वर महाविद्यालय में भाषा पर राष्ट्रीय स्तर के संगोष्ठी विद्यार्थी एवं शोधार्थी वर्ग के लिए प्रेरणादायी है।
भारतीय भाषा परिवार की बौद्धिक परिचर्चा में दिल्ली से डॉ साकेत बहुगुणा, डाकपत्थर से प्रोफेसर अरविन्द कुमार अवस्थी, मुंबई होमी भाभा विज्ञान केन्द्र से डॉ नरेंद्र दामोदर देशमुख, दिल्ली यूनिवर्सिटी के अदिति महाविद्यालय से प्रोफेसर पुनीता गुप्ता, प्रयागराज से डॉ अविनाश पांडे, जोशीमठ कॉलेज से डॉ चरण सिंह राणा, डॉ दिनेश सिंह, डॉ डी एन तिवारी आदि ने भारतीय भाषाओं के विभिन्न आयामों एवं साहित्य के साथ ही मानव सृजन में इसके योगदान पर गहन विचार विमर्श किया। कार्यक्रम में श्रोताओं से संवाद स्थापित कर गहन चर्चा की गई। विद्यार्थियों द्वारा भाषा के विकास में आ रही रुकावटों पर विशेषज्ञों से प्रश्न किए गए, जिनका समाधान विशेषज्ञों द्वारा बहुत ही सहजता से किया गया।
आयोजन सचिव डॉ कुलदीप नेगी ने कहा कि भारतीय भाषाओं का महत्व केवल कक्षा शिक्षण तक सीमित न होकर यह मनुष्यता और समाज निर्माण हेतु भी आवश्यक है। डॉ विधि ध्यानी द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ डी एएस नेगी एवं डॉ दिकपाल कंडारी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर साउथ अफ्रीका सहित भारत के विभिन्न राज्यों (तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, हैदराबाद, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड से आए डेलिगेट्स सहित प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।




