( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून / नई दिल्ली। चार दिन पहले मुख्यमंत्री धामी का एक वीडिओ वाइरल हुआ जिसमे उनसे पूछा जा रहा था कि भाजपा चुनाव से 6 महीने पहले एंटी इंनकमबेंसी को देखते हुये मुख्य्मंत्री बदल देती है। पुष्कर धामी का कहना था कि ये दिल्ली से चलाया जाता है और साढ़े चार साल मे 54 बार मुख्यमंत्री बदलने की खबरें चल चुकी है। मुख्यमंत्री के चेहरे की भाव भंगिमा से उनके प्रशंसक चिंता मे है कि जब सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था तो ये सवाल पूछा ही क्यों?

धामी को पूछे गये इस सवाल की चर्चा के बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की भतीजी संवैधानिक पद विधानसभा अध्यक्ष पद पर विराजमान ऋतू खंडूरी की भाजपा के ताजे ताजे राष्ट्रीय अध्यक्ष जिन्हे कार्यकारी कहा जा रहा के साथ दिल्ली मे मुलाक़ात ने फिर चर्चा शुरू कर दी। ये मुलाक़ात भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय मे हुई। विधानसभा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद पर बैठकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में जाना वहां से खुद फोटो शेयर करना स्पष्ट करता है कि ऋतु खंडूरी जिस पद पर बैठी है उसे संवैधानिक कहना अब समीचीन नहीं होगा।

ऋतू खंडूरी भाजपा दफ़्तर से पहले अमित शाह के दफ़्तर भी हो आई अब देश के गृह मंत्री से मिलना यूँ ही कैसे हो सकता है। इस बात में कोई दोराय ही नहीं है कि जिस प्रकार आज से पहले आधा दर्जन मुख्यमंत्रियो की समय से पहले छुट्टी कर दी गई। इस फार्मूले पर धामी की कुर्सी पर भी कइयों की नजर है और ऐसे सपने पूरे करने के लिये वो सब चल रहा है, जिससे टारगेट पूरा किया जा सके। ऋतू खंडूरी की भाजपा अध्यक्ष के साथ मुलाक़ात की फोटो के बाद सौरभ बहुगुणा की फोटो का इंतजार चल रहा है। जब सौरभ बहुगुणा के दादा और पिताजी, ताऊ मुख्यमंत्री बन सकते है तो उसी फार्मूले से सौरभ बहुगुणा और उनकी बहिन ऋतू खंडूरी क्यों नही बन सकती?

राजनैतिक पंडितो द्वारा प्रतियोगिता के सेमीफाइनल राउंड मे एलिमिनेटेर वाला फार्मूला भी बताया जा रहा है। देखना है फिसलन भरी पिच पर बाऊँसर से ये मैच आख़री ओवरों मे कोई रोमांच पैदा करता है या मैच वन साइडेड़ होता है। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।





