( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
ऋषिकेश। उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा में यात्रा खुलने से लेकर अभी तक यात्रियों का उत्साह देखने लायक था। जिसका परिणाम है कि अभी तक 20 लाख से ज्यादा यात्रियों ने हेमकुंड साहिब सहित चारधामों के दर्शन किये है। लेकिन अब बदलता मौसम यात्रियों को बेहाल कर रहा है। जिसके कारण यात्रा पर भी असर पड़ने लगा है। पिछले एक सप्ताह से मौसम अपने चरम पर है ,मौसम का पारा चढ़ा हुआ है। जिसके परिणाम स्वरूप यातर में भरी कमी आई है। हालात यह है कि बसें उपलब्ध होने के बावजूद पर्याप्त मात्रा में यात्री नहीं मिल पा रहे है।
दो वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा प्रभावित रही। इस वर्ष तीन मई को चारधाम यात्रा शुरू हुई। मौसम भी ने पूरा साथ दिया, जिससे शुरुआत में ही यात्रा ने गति पकड़ ली थी। स्थिति यह हो गई कि दो सप्ताह बीतने के बाद ही ऋषिकेश में बसों का टोटा होने लगा। ऐसे में प्रशासन को न केवल बाहर से बस मंगानी पड़ीं, बल्कि लोकल रूट पर संचालित बसों में भी कटौती करनी पड़ी।
अब मौसम का पारा चढ़ते ही यात्रा में उतारा आने लगा है। बीते एक सप्ताह में ऋषिकेश से विभिन्न धामों के लिए जाने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में खासी कमी दर्ज की गई है। जब यात्रा चरम पर थी तो बसों की कमी महसूस की गई। वर्तमान में परिवहन निगम के पास पर्याप्त संख्या में बस उपलब्ध हैं। विभिन्न परिवहन कंपनियों के अलावा परिवहन निगम भी अपनी सेवाएं दे रहा है।
शुरुआत में तीर्थ यात्रियों की अपार भीड़ के कारण बस टर्मिनल कंपाउंड ही नहीं, धर्मशाला व आश्रम भी गुलजार नजर आ रहे थे। व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन को यहां के वेडिंग प्वाइंट और विद्यालयों का अधिग्रहण तक करना पड़ा। वर्तमान में सभी जगह तीर्थ यात्रियों की कमी महसूस की जा रही है।
अब मौसम का पारा चढ़ते ही यात्रा में उतारा आने लगा है। बीते एक सप्ताह में ऋषिकेश से विभिन्न धामों के लिए जाने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में खासी कमी दर्ज की गई है। जब यात्रा चरम पर थी तो बसों की कमी महसूस की गई। वर्तमान में परिवहन निगम के पास पर्याप्त संख्या में बस उपलब्ध हैं। विभिन्न परिवहन कंपनियों के अलावा परिवहन निगम भी अपनी सेवाएं दे रहा है।
शुरुआत में तीर्थ यात्रियों की अपार भीड़ के कारण बस टर्मिनल कंपाउंड ही नहीं, धर्मशाला व आश्रम भी गुलजार नजर आ रहे थे। व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन को यहां के वेडिंग प्वाइंट और विद्यालयों का अधिग्रहण तक करना पड़ा। वर्तमान में सभी जगह तीर्थ यात्रियों की कमी महसूस की जा रही है।
यात्रा बस अड्डे पर प्रतिदिन 50 खाली बसें तीर्थ यात्रियों का इंतजार करती नजर आती हैं। अधिसंख्य बसों को लोकल रूट पर लगा दिया गया है। यात्रा में आई इस कमी का बड़ा कारण मौसम में आए बदलाव को माना जा रहा है। जब यात्रा चरम पर थी तो तापमान 36 डिग्री सेल्सियस था, पिछले एक सप्ताह से वह 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल, बंगाल आदि प्रांतों से तीर्थ यात्रियों अभी यहां नहीं पहुंचे हैं। मौसम के मिजाज में नरमी आने पर इन प्रांतों के तीर्थ यात्रियों यहां का रुख कर सकते हैं।
– नरेंद्र सिंह क्वीरियाल (अपर आयुक्त, गढ़वाल) का कहना है कि सभी पड़ाव स्थल और धामों में तीर्थ यात्रियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वर्तमान में तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी आना स्वाभाविक है। मानसून की दस्तक से पूर्व पहले से ही यात्रा में कमी आती रही है। उम्मीद है कि यात्रा पूरे समय सामान्य गति से चलेगी।
इस तरह आई यात्रा में कमी
तिथि—-बसों की संख्या—यात्री संख्या
नौ जून——-128——-4096
10 जून——-82——-2573
11 जून——-82——-2591
12 जून——-64——-1976
13 जून——-53——-1705
धामों पर दर्शन की स्थिति
नौ जून तक——-1864965
10 जून तक——-1919923
11 जून तक——-1971971
12 जून तक——-2018812
13 जून तक——-2058420
13 जून 2019 तक दर्शनार्थियों की संख्या, 1915540
13 जून 2022 तक दर्शनार्थियों की संख्या, 2058420
(स्रोत: यात्रा प्रशासन संगठन)

सुरक्षित रहें , स्वस्थ रहें
Stay Safe , Stay Healthy
COVID मानदंडों का पालन करें जैसे मास्क पहनना, हाथ की स्वच्छता बनाए रखना और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना आदि।




