* जमानत पर रिहा होने के बाद महंत रोहित गिरी ने की पत्रकारों से वार्ता।
* अदालत के आदेश पर 156 ( 3 ) के तहत मुकदमे का आदेश ,मुकदमा लिखने में पुलिस कर रही हीलाहवाली।
( ज्ञान प्रकाश पाण्डेय )
हरिद्वार। मां चंडी देवी मंदिर ट्रस्ट से जुड़े मामले में महंत रोहित गिरी ने अपने खिलाफ बड़े षड्यंत्र की बात कही। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस और एक महिला की मिलीभगत से उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए।
महंत रोहित गिरी ने कहा कि होली के दिन वह हरिद्वार में अपने घर पर मौजूद थे, जबकि उन्हें पंजाब में दिखाकर मामला दर्ज किया गया। फास्टैग की लोकेशन डिटेल भी दिखाई गई।

रानीपुर मोड़ स्थित होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से रूबरू होते हुए महंत रोहित गिरी ने बताया कि 13 मई 2025 को अदालत से आदेश कराया गया और इसी तारीख को उनका त्याग पत्र दिखाया गया, जबकि यह पूर्णरूप से झूठा है। उसी सुबह लगभग 7 बजे पुलिस घर पहुंची। उन्होंने कहा कि यह सब सोचे-समझे षड्यंत्र के तहत किया गया। उन्होंने बताया कि उनका बेटा उनके पास आया और कहा कि उनका वकील गलत है। इस पर उन्होंने अपना वकालतनामा वापस दे दिया, लेकिन इसके बाद उनकी जमानत प्रक्रिया को षड्यंत्रपूर्वक लंबा खींचा गया और वापस ले लिया गया।

महंत रोहित गिरी ने कहा कि उनके नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर इस्तीफे का पत्र तैयार किया गया। जबकि एक मात्र मंदिर ट्रस्टी द्वारा किसको इस्तीफा देने का आधार है पर कहा कि डीड में यह साफ है कि ट्रस्टी आजीवन ट्रस्टी बना रहेगा और और या तो नामित या फिर उत्तराधिकारी उनके बाद ट्रस्टी बन सकेगा।
उन्होंने इस पूरे मामले में अपनी पत्नी गीतांजलि, बेटे भवानी नन्दन गिरी समेत कई लोगों पर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 से उनका तलाक का मामला चल रहा है। यदि उन्होंने त्याग पत्र दिया है, तो यह बताना होगा कि किसके सामने और कब दिया गया। उन्होंने कहा कि आखिर मुख्य ट्रस्टी त्यागपत्र देगा तो किसको देगा। महंत ने कहा कि गीतांजलि की छोटी बहन पुष्पांजलि गौड़ का इस्तीफा 15 मई 2025 को स्वीकार दिखाया गया, जबकि उस समय वे स्वयं महंत पद पर ही थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटनाक्रम लंबे समय से रचे जा रहे षड्यंत्र का हिस्सा है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में महंत रोहित गिरी ने दावा किया कि 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को ट्रस्टी नहीं बनाया जा सकता, इसके बावजूद नियमों की अनदेखी कर उसे ट्रस्ट में शामिल किया गया। उन्होंने एक महिला पर लगातार उनकी रेकी (निगरानी) करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 14 अप्रैल को गढ़ी हुई घटना पर शिकायत दर्ज कराई गई और गीतांजलि को इस मामले में एकमात्र गवाह दिखाया गया।
महंत ने कहा कि कथित घटना पंजाब कैंट क्षेत्र की बताई गई, जबकि ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में इस तरह की गतिविधि संभव नहीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान न केवल गाली-गलौज और तोड़फोड़ की गई, बल्कि घर से पैसा भी ले जाया गया। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय की उम्मीद है और सच जल्द सामने आएगा।
महंत रोहित गिरी ने बताया कि उनके द्वारा हरिद्वार न्यायालय में याचिका की सुनवाई उपरांत सम्मानित जज द्वारा 156 ( 3 ) के तहत श्यामपुर पुलिस को उनके खिलाफ चार सौ बीस के मुकदमा लिखने के आदेश वाबजूद पुलिस हिलहावली कर उन आरोपियों को बचने का प्रयास किया जा रहा है।





