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बड़ी खबर : पंजाब के नाराज़ विधायकों ने देहरादून में हरीश रावत के साथ की बैठक ,बैठक के बाद हरदा बोले सरकार को कोई खतरा नहीं। आखिर क्या है मामला ? Tap कर पढ़े

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( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )

देहरादून। पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा और कुछ अन्य नेताओ द्वारा खुले तौर पर कैप्टन अमरिंद्र सिंह को हटाए जाने की मांग उठाये जाने के बाद एक बार फिर पंजाब की राजनीती में भूचाल आ गया है। मंगलवार को उठे इस भूचाल के बाद बुधवार को पंजाब के कुछ विधायकों ने उत्तराखंड आकर पंजाब प्रभारी और पूर्व CM हरीश रावत से मुलाकात कर ताज़ा हालत से अवगत कराया। आपको बता दे कि हरीश रावत पंजाब राज्य के प्रभारी है और इस वक्त देहरादून में है। पंजाब सरकार के चार मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखविंदर सिंह रंधावा, सुख सकारिया व चरनजीत चन्नी और तीन विधायक कुलवीर जीरा, बरीन्द्रजीत पहाड़ा व सुरिंदर धीमान देहरादून के एक होटल में पहुंचे। इसी होटल में बैठक हुई और हरीश रावत भी बैठक में पहुंचे। वहीं बैठक में जाने से पहले हरीश रावत ने मीडिया से कहा कि कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व में ही 2022 का चुनाव लड़ा जाएगा।


दोहपर तीन बजे के बाद यह बैठक खत्म हुई और हरीश रावत मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि पंजाब के विधायकाें ने अपनी चिंताएं बताईं। ये सभी पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर चिंतित थे। इनका विरोध किसी व्यक्ति से नहीं है। वो चाहते हैं कि चुनाव में एक स्पष्ट रोड मैप के साथ उतरें, ताकी चुनाव जीता जा सके। कहा कि विधायकों की एडमिनिस्ट्रेशन को लेकर कुछ शिकायतें भी थीं। यदी किसी को किसी से कोई नाराजगी है तो वह कांग्रेस के रास्ते में नहीं आनी चाहिए। कहा कि कांग्रेस मिलकर चुनाव जीतने के लिए प्रयास कर रही है।


हरीश रावत ने कहा कि इन विधायकों ने आश्वासन दिया है कि वह पार्टी की एकता के लिए बनाए रखेंगे और उनका पार्टी हाईकमान पर पूरा भरोसा है। विधायकों की चिंताओं को लेकर मैं पार्टी लीडर के पास जाऊंगा। मुझे इन पर पूरा भरोसा है। अगर कहीं पार्टी में थोड़ा डैमेज हुआ भी होगा तो उसकी पूर्ति का रास्ता भी इन्हीं विधायकों में से निकलेगा। इस दौरान पंजाब मुख्यमंत्री और अपनी ही सरकार से कुछ विधायकों की नाराजगी पर हरीश रावत ने हांमी भरी। उन्होंने कहा कि ऐसा होता है। पंजाब मुझे जाना चाहिए था, लेकिन मैं नहीं जा सका तो ये विधायक मुझसे मिलने आ गए। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उक्त विधायक की क्या शिकायतें थीं। हरीश रावत ने कहा कि वह एक-दो दिन में वह दिल्ली जाएंगे और पार्टी हाईकमान को इन परिस्थितियों के बारे में बताएंगे।
हरीश रावत ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को भी यह बात कह दी गई है कि वह अपने सलाहकारों को नियंत्रण में रखें। अंत में हरीश रावत ने कहा कि मैंने इन सभी विधायकों की बात सुनी है और उन्होंने मेरी बात भी सुन ली है। अब फैसला उनको लेना है। मुझे आशा है कि वह मेरी बात समझेंगे। 
हरदा ने कहा ,ऐसा नहीं है कि पार्टी ने पूरी कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू को सौंप दी
बैठक से पहले हरीश रावत का कहना था कि ऐसा नहीं है कि पार्टी ने पूरी कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू को सौंप दी है। पार्टी के वरिष्ठ अम्बिका सोनी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, सुख सरकारिया, चरनजीत सिंह चन्नी लंबे समय से कांग्रेस की सेवा कर रहे हैं। मैं उनकी बातें सुनकर समाधान का रास्ता निकालूंगा।
हरीश रावत ने कहा कि 2016 में मेरे खिलाफ जिन विधायकों ने विरोध का बिगुल बजाया उनके पीछे एक पार्टी का हाथ था। पंजाब में स्थिति ऐसी नहीं है, वहां पार्टी के भीतर ही कुछ बातों को लेकर विधायक और मंत्रियों में मनमुटाव है। इसका समाधान निकाल लिया जाएगा।
हरीश रावत ने एएनआई से कहा है कि जब हम पंजाब कांग्रेस कमेटी में बदलाव लाए, तो हमें बाद में सामने आ सकने वाले संभावित मुद्दों के बारे में विचार आया था। सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर सभी को भरोसा है। हम इसे सुलझाने की कोशिश करेंगे।

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