( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। भारत सरकार द्वारा स्वच्छ्ता सर्वेक्षण 2021 के आकड़े जो जारी हुए है ,उनके जरिये उत्तराखण्ड में स्वच्छता की स्थिति को समझा जा सकता है। यदि हिमालयी पर्वतमाला वाले राज्यों की बात करे तो उत्तराखंड सफाई के मामले में अव्वल रहा है और 100 से कम शहरी निकायों वाले राज्यों में उत्तराखंड का नंबर चौथा है। इस लिस्ट में झारखंड, हरियाणा और गोवा राज्य उत्तराखंड से आगे निकले हैं। वहीं, देहरादून की रेटिंग में भी सुधार दिखा है, हालांकि उस ओवरऑल रेटिंग में यह शहर 82वें स्थान पर है, जिसमें मध्य प्रदेश का इंदौर नंबर 1 रहा है। लेकिन यह रेटिंग्स उत्तराखंड के लिए इस बार खास रही हैं।
कूड़ा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग में उत्तराखंड के तीन शहरों देहरादून, मुनिकी रेटी और रुड़की को स्थान मिला है। मुनिकी रेटी के लिए बहुत खास बात यह रही कि उसे इस लिस्ट में 11वां स्थान मिला। स्वच्छ सर्वेक्षण के नतीजे बीते शनिवार को जारी हुए थे, जिसके विश्लेषण के आधार पर काफी जानकारियां सामने आ रही हैं। उत्तराखंंड में छह बड़े शहरों देहरादून, रुड़की, हरिद्वार, हल्द्वानी, काशीपुर और रुद्रपुर को मिली जुली रेटिंग्स मिली हैं, जैसे देहरादून गार्बेज फ्री सिटी रेटिंग में वन स्टार रेटिंग हासिल कर सका है।
372 शहरों में 82वां स्थान
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को स्वच्छता लिस्ट में 82वें नंबर पर रखा गया, जो उन 372 शहरों की लिस्ट थी, जिनकी आबादी 1 से 10 लाख के बीच है। खास बात यह है कि देहरादून पहली बार टॉप 100 में शामिल हुआ। स्वच्छ सर्वेक्षणों में इससे पहले भी उत्तराखंड का कोई शहर टॉप 100 में नहीं रहा है। दूसरी तरफ हरिद्वार की रेटिंग खराब हुई है. 2020 में यह 244वें नंबर पर था और इस साल 285वें नंबर पर रहा। गौरतलब यह है कि इस साल हरिद्वार में कुंभ मेले का भव्य आयोजन हुआ था।
मुनिकी रेटी की मिसाल कितनी अहम?
जानकार मान रहे हैं कि उत्तराखंड के छोटे शहर वेस्ट मैनेजमेंट के मामले में बाज़ी मार रहे हैं। सामाजिक विकास से जुड़े एक्सपर्ट अनूप नौटियाल के हवाले से एक खबर में कहा गया कि ये छोटे कस्बे सूखे वेस्ट को बेचकर और रीसाइकिल करके संसाधन भी पैदा कर रहे हैं और इस मामले में मुनिकी रेटी का उदाहरण देखने लायक रहा है। बहरहाल, उत्तराखंड के लिए वेस्ट मैनेजमेंट बड़ी चुनौती बना हुआ है।
कैसा है उत्तराखंड का रिपोर्ट कार्ड?
उत्तराखंड 100 से कम शहरों वाले राज्यों की लिस्ट में देश में चौथे नंबर पर तो आया लेकिन इस रैंकिंग को समझा कैसे जाए? पिछले साल की तुलना में देखें तो राज्य के स्कोर में 95 अंकों का सुधार हुआ। यह महत्वपूर्ण है कि देहरादून जैसे शहरों की स्थिति बेहतर हुई तो काशीपुर जैसे नगरीय निकायों की स्थिति बदतर। कुल मिलाकर संरक्षण से जुड़े आयुष जोशी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है, ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के नतीजे उत्तराखंड के लिए एक कदम आगे बढ़ने और एक कदम पिछड़ने जैसे रहे।’