*सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए देश-दुनिया की आधुनिक तकनीक की मदद ले रही सरकार।
*अफसरों के साथ रेस्क्यू कार्य की समीक्षा कर दिए जरूरी निर्देश।
( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पीएमओ के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सकुशल निकालने के प्रयास में जुटी है। सुरंग में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए देश और दुनिया में ईजाद की गई आधुनिक तकनीक की मदद ली जा रही है। उम्मीद हैं कि जल्द इसमें सफलता मिल जायेगी। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिलक्यारा पहुंचे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू पर पल पल अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज शासकीय आवास पर अधिकारियों के साथ श्रमिकों के बचाव के लिए चल रहे रेस्क्यू कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही बाधाओं से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाये जाएं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी लगातार बचाव अभियान का अपडेट लिया जा रहा है। ऐसे में ग्राउंड जीरो पर जो भी रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है, अधिकारी एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाकर समय पर अंजाम तक पहुंचाएं। रेस्क्यू कार्य के लिए जिन संसाधनों की जरूरत हैं, उनको तत्काल एजेंसियों को मुहैया करा कर तेजी से कार्य कराएं। सरकार की प्राथमिकता में श्रमिकों को सुरक्षित और समय पर बाहर निकालना है।

श्रमिकों और परिजनों के साथ सरकार खड़ी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मुसीबत में फंसे श्रमिकों के परिजनों के साथ सरकार खड़ी है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वह सभी परिजनों को रेस्क्यू की हर पल की जानकारी देते रहें। इसके अलावा सिलक्यारा पहुंचे परिजनों के लिए भी सहायता केंद्र खोलने और उनके रहने-खाने की जरूरत के हिसाब से मदद की जाए। उन्होंने कहा कि विपदा की इस घड़ी में परिजनों को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है। सरकार हर वक्त उनके साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग आपदा से निपटने के लिए देश और दुनिया में चले पुराने सुरंग रेस्क्यू के अनुभवों के आधार पर कार्य किए जा रहे हैं। इसके लिए अधिकारी पड़ोसी राज्य हिमचाल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर समेत दुनिया के कई देशों में सुरंग निर्माण और आपदा के बाद हुए रेस्क्यू की तकनीकी को अपना रहे हैं। पीर पंजाल, अटल सुरंग, भंवर टोंक, सँगलदान जैसी बड़ी सुरंग निर्माण और लूज गिरने के बाद रेस्क्यू की जानकारी जुटाई जा रही है। इसी के अनुसार रेस्क्यू टीम श्रमिकों को बाहर निकालने के प्रयास में जुटी हैं।
कंपनी ने 40 श्रमिकों के नाम ही कराए थे उपलब्ध
12 नवंबर को सुरंग में भूस्खलन के बाद एनएचआइडीसीएल और नवयुग कंस्ट्रक्शन की ओर से 40 श्रमिकों के नाम और पते प्रशासन को उपलब्ध कराए गए थे। अब सात दिन बाद यह लापरवाही सामने आई है।

उत्तरकाशी सिलक्या सुरंग में 40 नहीं 41 श्रमिक फंसे
उत्तरकाशी सिलक्या सुरंग में 40 नहीं 41 श्रमिक फंसे हुए हैं। कंपनी की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सात दिन बाद इस बात की जानकारी मिली है। 41 वें श्रमिक की पहचान बिहार मुजफ्फरपुर के गिजास टोला निवासी दीपक कुमार के रूप में हुई है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि जब 41 श्रमिक का नाम सूची में सामने आया तब एनएचआइडीसीएल और निर्माण कंपनी नवयुग कंस्ट्रक्शन बड़ी लापरवाही का पता चला।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगौली, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ला एंड ऑर्डर ए.पी.अंशुमन, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी उपस्थित थे।

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