( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
नैनीताल। उत्तराखण्ड के पर्यटन स्थलों पर SOP का पालन नहीं होने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड सरकार को फटकार लगाई है ,साथ ही कोरोना काल में चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट ने आगामी 18 अगस्त तक रोक लगा दी है। कोरोना संक्रमण की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने सरकार से राज्य के सरकारी अस्पतालों में नर्स वार्ड बॉय समेत सभी मेडिकल स्टाफ पर रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने पूछा है कि इन पदों को भरने के लिये अब तक क्या कदम उठाए गये हैं। वहीं, दिव्यांगों को वैक्सीन के लिये कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को आदेश दिया है कि वो घर जाकर इनका टीकाकरण करें।
कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में एंबुलेंस की स्थिति पर रिपोर्ट फाइल करने के साथ-साथ पूरे राज्य में मेडिकल सुविधाओं पर स्वास्थ्य सचिव को शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि राज्य के अस्पतालों में 25 प्रतिशत बेड गरीबों के लिये रिजर्व रखने के फैसले पर सरकार फिर विचार करे। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार को पर्यटन स्थलों पर भीड़ जुटने पर फटकार लगाते हुए कहा कि नैनीताल समेत पर्यटन स्थलों पर एसओपी (SOP) का पालन नहीं किया जा रहा है, और होटल व रेस्टोरेंट में 50 प्रतिशत वाले नियम का खुला उलंघन हो रहा है।
कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जितने पर्यटकों को नैनीताल आने की अनुमति दी जा रही है अगर सरकार उनसे छह फुट दूरी का पालन कराए तो कौशानी तक भीड़ चली जायेगी। कोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि क्या डीएम एसओपी का पालन करवाने के लिए फील्ड में जा रहे हैं ?
आपको बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट कोरोना संक्रमण से जुड़ी सचिदानंद डबराल, दुष्यंत, मैनाली समेत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट कोरोना की तीसरी वेव को लेकर भी चिंता व्यक्त कर रहा है । हालांकि बुधवार को हाईकोर्ट ने सरकार से बच्चों के लिये वॉर्ड, दवा समेत अन्य सभी सुविधाओं पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिए यह निर्देश
1. सरकारी अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर की क्या स्थिति है उसका विवरण अगली तिथि तक दें।
2. राज्य में सरकारी अस्पतालों में नर्स, वार्ड बॉय, आदि सपोर्ट स्टाफ के कितने पद खाली हैं, और उनकी भर्ती के संबंध में क्या प्रक्रिया चलाई जा रही है. इस संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं इसका विवरण दें।
3. राज्य में डेल्टा प्लस वेरीअंट के संबंध में क्या स्थिति है, और पूर्व में जो 300 सैंपल भेजे गए थे उनके संबंध में क्या परिणाम आए। इस संबंध में क्या सावधानियां बरती गई है इसका विवरण दें।
4. इंटर्न चिकित्सकों को स्टाइपेंड बढ़ाने के बारे में घोषणा की गई है परंतु उसको अगली तिथि से पूर्व लागू किया जाए। साथ ही उन लोगों का मानदेय समय पर प्रदान किया जाए प्रतिमाह।
5. राज्य में एंटी स्पिटिंग एंड एंटी लिटरिंग एक्ट 2016 के प्रावधान पूर्व से लागू है इनको सख्ती से अनुपालन कराया जाए।
6. राज्य में वैक्सीनेशन सेंटर की संख्या बढ़ाई जाए. जिन लोगों के मन में वैक्सीनेशन को लेकर संशय है और कुछ अंधविश्वास है उनके लिए राज्य सरकार भ्रम दूर करने के लिए उचित प्रचार-प्रसार करे।
7. राज्य में वो सभी दिव्यांगजन जो अपने घर के पास स्थित वैक्सिनेशन सेंटर में भी जा पाने की स्थिति में नहीं हैं, उनको घर पर ही वैक्सीन लग सके इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारी ऐसी व्यवस्था करें।
8. राज्य में दिव्यांगजनों के लिए वैक्सीनेशन की उचित व्यवस्था की जाए और उनके कैंप वगैरह कहां लगेंगे इसकी पूर्व सूचना जिलाधिकारी सभी माध्यमों से प्रचार-प्रसार करेंगे. ऐसे कैंप में दिव्यांगजनों की सुविधाओं का पूर्ण ख्याल रखा जाए।
9. राज्य सरकार ने अस्पतालों में निर्बल वर्ग के लिए 25 प्रतिशत बेड आरक्षित किए थे परंतु उक्त आदेश को 25 जुलाई को वापस ले लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
10. कोर्ट ने राज्य में स्थित सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध एंबुलेंस की स्थिति, सुविधाएं और उनकी क्षमता के संबंध में ऑडिट रिपोर्ट तलब की है।