( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड में 2015 में हुई दरोगा भर्ती धांधली में विजिलेंस की रिपोर्ट पर प्रदेश के 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया गया है। ये दरोगा जांच पूरी होने तक निलंबित ही रहेंगे। प्रथम दृष्टया जांच में इन दरोगाओं के नकल करने की बात सामने आई है। हालांकि, मुकदमे में अभी किसी भी दरोगा को नामजद नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि यह फेहरिस्त अभी और भी लंबी हो सकती है।
गौरतलब है कि पिछले साल मई में एसटीएफ ने स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक संबंधी जांच की थी। इस जांच में सिलसिलेवार कई भर्तियों में धांधली की बात सामने आई थी। इसमें 2015 में हुई सीधी दरोगा भर्ती में धांधली के सुबूत भी एसटीएफ को मिले थे। इनमें पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ को 12 दरोगाओं के नाम पता चले थे। इस परीक्षा को पंतनगर विवि की ओर से कराया गया था। क्योंकि, मामला पुलिस से जुड़ा था तो इसकी जांच शासन के निर्देश पर विजिलेंस को सौंपी गई थी।
प्राथमिक पड़ताल के बाद विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में आठ अक्तूबर 2022 को 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे में आरएमएस कंपनी के मालिक राजेश चौहान, पंतनगर विवि के अधिकारी, एक डीन को नामजद किया गया था। करीब चार माह की जांच के बाद विजिलेंस ने पुलिस मुख्यालय को 20 दरोगाओं के नाम सौंपे हैं। प्राथमिक जांच के आधार पर इन दरोगाओं पर नकल करने का आरोप है। जांच प्रभावित न हो इसके लिए इन सभी दरोगाओं को पुलिस मुख्यालय ने निलंबित करने के आदेश दिए। जिला पुलिस कप्तानों ने इन सभी को सोमवार देर शाम निलंबित कर दिया है।
अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड वी मुरूगेशन ने बताया कि वर्ष 2015-16 उपनिरीक्षक सीधी भर्ती में अनियमित्ता होने की जांच विजिलेंस द्वारा की जा रही है। विजिलेंस द्वारा अभी तक की जांच पर प्रषित रिपोर्ट के क्रम में जांच में संदिग्ध पाए गए 20 उपनिरीक्षकों को जांच पूरी होने तक निलंबित करने हेतु सम्बन्धित जनपद प्रभारियों को निर्देशित कर दिया गया है।
वर्ष 2015-16 उपनिरीक्षक सीधी भर्ती में अनियमितता की शिकायत मिलने पर विजिलेंस को इसकी जांच सौंपी गई थी। अभी तक की जांच के आधार पर संदिग्ध पाए गए 20 उपनिरीक्षकों को जांच पूरी होने तक निलंबित किया गया है। हमारी सरकार सुशासन के लिए संकल्पबद्ध है। गड़बड़ी करने वालों को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा। भर्तियों में अनियमितताओ को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जल्द ही देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाया जायेगा। भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।”
पुष्कर सिंह धामी ,मुख्यमंत्री ,उत्तराखण्ड