( ब्यूरो ,न्यूज़ 1 हिन्दुस्तान )
देहरादून। उत्तराखण्ड के CM पुष्कर सिंह धामी सबसे काम उम्र के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले मुख्यमंत्री है जो कभी कैबिनेट में नहीं रहे ,लेकिन किस्मत ऐसी करवट बदली की वह लगातार दूसरी बार हारने के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर आरूढ़ हुए। उनके बारे में बताया जाता है कि वह उन्होंने कभी भी पद की लालसा नहीं रखी और वो अपने काम के लिए जाने जाते हैं। इतना ही नहीं पुष्कर सिंह धामी अपनी नियमित दिनचर्या बड़े पक्के हैं। बताया जाता है कि वह राजनैतिक व्यस्तता के बाद भी रोजाना सुबह-शाम पूजा अर्चना करना नहीं छोड़ते हैं। हालांकि, उनके राजनीतिक से लेकर समाजिक कार्य तक में उनकी पत्नी गीता धामी हर कदम पर साथ देती हैं। आइए जानते हैं उनके बारें में…
सीएम की पत्नी गीता धामी सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं। वह कोई भी त्यौहार या फिर देश में चल रहा कोई मुद्दा हो उस पर अपनी राय रखती हैं। इतना ही नहीं वह सीएम पुष्कर सिंह धामी के छोटे से छोटे और बड़े से बड़े कार्यक्रम की हर एक तस्वीरें फेसबुक से लेकर अन्य सोशल प्लेटफार्म पर वह शेयर करती रहती हैं।
जानकार बताते है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी से ज्यादा उनकी पत्नी गीता धामी उनके खटीमा विधानसभा क्षेत्र में जाती रही हैं। वहां के लोगों से मिलकर उनकी समस्या सुनती हैं इसके बाद पति को बताकर उसको हल करने तक की सलाह देती हैं। उनकी फेसबुक प्रोफाइल पर आप देख सकते हैं कि वह किस तरह से पति की राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाती हैं पर किस्मत के आगे किसी का कोई बस नहीं चलता और मुख्यमंत्री धामी खटीमा से हार गए। जबकि बिना मुख्यमंत्री वह लगातार दो बार वह से विधायक चुने गए।
गौरतलब है कि गीता धामी और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी की शादी साल 20011 में हुई थी। दोनों को दो बच्चे हैं। वह सामाजिक कार्य में अपना अधिकतर समय बिताती हैं।
गीता धामी ने गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज, खटीमा से अपनी स्कूली पढ़ाई की हुई है, साथ ही हेमवती नंदन बगुगुणा गवर्नमेंट कॉलेज से कॉलेज की पढ़ाई की है।
उस वक्त पहली बार जब धामी को सीएम बनाया गया तब पति के सीएम की खबर सुनते ही उनकी आंखों से खुशी के आंसु छलक पड़े थे । कामो बेस स्थिति इस बार भी यही थी। इस मौके पर वह एक हाथ से फोन तो दूसरे से वह खुशी के आंसू पोछते दिखीं थी। वह बधाई देने वालों के सत्कार में व्यस्त हो गईं। घर के आंगन में ढोल बजने लगे और बाहर आतिशबाजी का दौर देर रात तक चलता रहा। इस दौरान उन्होंने कहा कि ईष्ट देव, भगवान केदारनाथ के आर्शीवाद से उन्हें प्रदेश का नेतृत्व मिला है। मुझे विश्वास है कि वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन बखूबी करेंगे। मैं धन्यवाद करना चाहती हूं पार्टी हाईकमान का और देवतुल्य जनता पर जिन्होंने उन्हें यहां तक पहुंचाया।